रिटायरमेंट के 3 दिन पहले डॉक्टर बर्खास्त, यूपी में प्राइवेट प्रैक्टिस पर पहली बार एक्शन, खुद पत्नी बनी ‘विलेन’

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Lucknow News : यूपी में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस रुक नहीं रही. ऐसा तब है जब सरकार प्राइवेट प्रैक्टिस का भत्ता तक देती है. इस एक कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है.
डॉ. आमोद सचान
पहले भी पकड़े गए
डॉ. सचान 15 जुलाई को रिटायर होने वाले थे. उनके खिलाफ पिछले साल जांच शुरू हुई थी. डॉ. सचान केजीएमयू में फार्माकोलॉजी विभाग के निर्वतमान अध्यक्ष थे. उनके खिलाफ निजी संस्था से लाभ कमाने और कई संस्था के बोर्ड आफ डायरेक्टर होने के भी आरोप साबित हुए. कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद की अध्यक्षता में शनिवार को कार्यपरिषद की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें ये फैसला लिया गया. डॉ. सचान की पत्नी ने भी उन पर नकली दवाओं के व्यापार का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है. उन पर नौकरी में रहते हुए इंदिरानगर में शेखर हॉस्पिटल में प्रबंध निदेशक रहने का भी आरोप था. शेखर हॉस्पिटल के अलावा सफेदाबाद, शाहजहांपुर के हीरपुर में हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के नाम से कॉलेज चलाते पकड़े गए हैं.
कोर्ट का आदेश आते ही
कुलपति प्रो. सोनिया के मुताबिक, डॉ. आमोद कुमार सचान के खिलाफ लंबे समय तक प्राइवेट प्रैक्टिस सहित कई आरोप साबित हुए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद इमरजेंसी बैठकें बुलाई गई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. उधर, बर्खास्त डॉ. आमोद सचान ने कहा कि मेरी पूर्व पत्नी ऋचा मिश्रा की मनगढ़ंत शिकायत का निस्तारण, मेरी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले किया जाना दर्शाता है कि यह कृत्य दूषित मानसिकता और दुर्भावना से प्रेरित है.