लखनऊ के काकोरी में बाघ का आतंक, अब सांड का किया शिकार; दबोचने के लिए रखी जा रही नजर – Tiger terror in Kakori Lucknow now bull is hunted watch is being kept to catch it

लखनऊ में काकोरी के रहमान खेड़ा से तीन किलोमीटर दूर मीठेनगर में बाघ का आतंक देखने को मिला है। रविवार शाम को बाघ ने एक सांड का शिकार किया। करीब तीन से चार किलो गोश्त खाने के बाद वह मृत सांड को छोड़ गया है। अब वन विभाग की टीम अवशेष पर सोमवार को भी नजर रखेगी जिससे अगर बाघ दोबारा आएगा तो उसे घेरा जा सके।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। काकोरी के रहमान खेड़ा से तीन किलोमीटर दूर मीठेनगर में बाघ की फिर धमक दिखी। रविवार शाम को बाघ ने एक सांड़ का शिकार किया। करीब तीन से चार किलो गोश्त खाने के बाद वह मृत सांड को छोड़ गया है। अब वन विभाग की टीम अवशेष पर सोमवार को भी नजर रखेगी, जिससे अगर बाघ दोबारा आएगा तो उसे घेरा जा सके।
मीठेनगर वही इलाका है, जहां चार दिसंबर को भी बाघ आया था, लेकिन वन विभाग गांव वालों की बात को गलत ठहराने में लगा रहा। गांव वालों का कहना था कि बाघ ने दो तीन नील गायों को भी मारा था।
डीएफओ अवध सितांशु पांडेय का कहना है कि रविवार देर शाम मीठेनगर से यह सूचना आई कि बाघ ने सांड़ को मार दिया है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो वहां पर सांड का अवशेष पड़ा था और उसने चार किलो के करीब गोश्त खाया था। मृत सांड को घसीटने के भी निशान मिले हैं। कल सोमवार को वन विभाग की टीम फिर से मीठेनगर जाएगी और यह नजर रखेगी कि बाघ दोबारा उसे खाने आता है या नहीं।
मचान से बाघ की निगरानी
नौ गांवों में छाया सन्नाटा
काकोरी से जुड़े नौ गांवों में बाघ की दहशत है। रहमान खेड़ा,मीठेनगर और फिर जगह बदलता रहा। हलुवापुर, कटौली, उलारापुर, सलियामऊ, गुरुदीन खेड़ा, मेंथीपुर और गोखौरा में बाघ के पहुंचने के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा है। बारह दिसंबर को रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लाक नंबर चार के पास जंगल में नील गाय का शिकार करने के दो दिन बाद से बाघ ने अपनी लोकेशन बदली है।
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