वाराणसी की नदी में निकली 4 आंखों वाली मछली! अजीब शक्ल देख गांव में मचा हड़कंप, वैज्ञानिक भी रह जाएंगे दंग

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Varanasi News: वाराणसी के कोईराजपुर गांव में वरुणा नदी से एक अजीबो- गरीब ‘चार आंखों वाली’ मछली पकड़ी गई, जिसे गांववालों ने पानी की टंकी में सुरक्षित रखा है. मछली की बनावट पत्थर जैसी है और चेहरा सामान्य से अलग …और पढ़ें
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- वाराणसी के वरुणा नदी में एक रहस्यमयी मछली मिली है.
- मछली के चेहरे पर चार आंखों जैसी संरचना दिखीं.
- पत्थर जैसी त्वचा और नीचे की ओर मुंह वाली मछली है.
मछली को गांव के ही एक मछुआरे ने जाल में पकड़ा और जब उसे ध्यान से देखा गया तो उसकी बनावट और शक्ल-सूरत बाकी सामान्य मछलियों से बिल्कुल अलग निकली. मछली की त्वचा पत्थर जैसी सख्त है, मुंह नीचे की तरफ है और चेहरा आम मछलियों से बिलकुल अलग दिखता है.
कोईराजपुर गांव के पास रिंग रोड किनारे स्थित पानी की एक टंकी में फिलहाल इस मछली को रखा गया है, जहां ग्रामीण और स्थानीय लोग इसे देखने के लिए लगातार पहुंच रहे हैं. यहां के एक ढाबा संचालक ने बताया कि उन्होंने ऐसा जीव पहले कभी नहीं देखा. उनके अनुसार यह मछली किसी दूसरी दुनिया से आई लगती है.
गांववालों ने मछली को सुरक्षित रखा है लेकिन वन विभाग को अभी तक इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है. लोग इस मछली को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं. कोई इसे दुर्लभ प्रजाति मान रहा है तो कुछ लोग इसे किसी तरह का अच्छा या बुरा संकेत भी मानने लगे हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मछली ‘करचामा’ या Sucker Mouth Catfish (सकरमाउथ कैटफिश) प्रजाति की हो सकती है. यह मछली आमतौर पर तालाबों और नहरों की तलहटी में पाई जाती है और उसकी बनावट व त्वचा काफी सख्त होती है. हालांकि, इसकी “चार आंखों” जैसी बनावट ने सबको हैरान कर रखा है.
यह मछली ज्यादातर निचले पानी में रहती है और मूडी व्यवहार के लिए जानी जाती है. लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसकी पहचान और वर्गीकरण के लिए वन विभाग या मत्स्य विशेषज्ञों की पुष्टि जरूरी है.
वन विभाग ने साधी चुप्पी
अब तक इस मछली को लेकर वन विभाग या किसी संबंधित वैज्ञानिक संस्था को सूचना नहीं दी गई है. जबकि ऐसी दुर्लभ प्रजाति को सुरक्षित संरक्षण देने की जरूरत होती है. विशेषज्ञों की राय है कि अगर यह मछली वाकई असामान्य या विलुप्तप्राय प्रजाति की है तो इसे अध्ययन और संरक्षण के लिए तुरंत विभाग को सौंपा जाना चाहिए.