संगीत की ये गुरुजी नहीं लेती एक पैसा, फिर भी बना रही हैं सैकड़ों को स्टार!

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मुरादाबाद की संगीतकार पूजा राणा अपने एनजीओ ‘सोल कल्चरल एक्टिविटी फाउंडेशन’ के माध्यम से बच्चों और महिलाओं को नि:शुल्क संगीत सिखा रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में संगीत की पहुंच बढ़े.
यह मुफ्त में दे रही संगीत की शिक्षा।
हाइलाइट्स
- पूजा राणा नि:शुल्क संगीत सिखा रही हैं.
- एनजीओ ‘सोल कल्चरल एक्टिविटी फाउंडेशन’ चलाती हैं.
- अब तक 200 लोगों को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं.
पीयूष शर्मा- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में रहने वाली पूजा राणा एक ऐसी महिला संगीतकार हैं, जो सिर्फ मंचों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि संगीत को समाज की सेवा से जोड़ने में लगी हुई हैं. उनका उद्देश्य है कि संगीत केवल एक कला न रह जाए, बल्कि जन-जन तक पहुंचे और हर वर्ग का व्यक्ति इसका लाभ उठा सके. इसी सोच को साकार करने के लिए उन्होंने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की शुरुआत की है.
एनजीओ के माध्यम से मुफ्त सिखा रहीं संगीत
पूजा राणा ‘सोल कल्चरल एक्टिविटी फाउंडेशन’ नामक एनजीओ का संचालन करती हैं, जिसे सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़कर समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है. वह समय-समय पर निशुल्क संगीत शिविरों का आयोजन करती हैं, जहां बच्चों को संगीत की शिक्षा दी जाती है. खास बात यह है कि यह सेवा उन बच्चों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और संगीत की शिक्षा पाने में असमर्थ हैं. पूजा का मानना है कि संगीत आत्मबल और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकता है.
महिलाओं को भी बना रहीं आत्मनिर्भर
बच्चों के साथ-साथ पूजा राणा उन गृहिणियों को भी संगीत सिखाने का कार्य कर रही हैं जो घर की जिम्मेदारियों में व्यस्त रहने के कारण अपनी प्रतिभा को निखार नहीं पाई हैं. पूजा बताती हैं कि उन्होंने अब तक करीब 200 लोगों को मुफ्त में संगीत सिखाया है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा सके हैं. उनका मुख्य फोकस वैसे लोग होते हैं जो प्रतिभाशाली तो होते हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पाते हैं.
रामगंगा विहार में है प्रशिक्षण केंद्र
जो भी व्यक्ति संगीत सीखना चाहता है, वह रामगंगा विहार स्थित पूजा राणा के घर जाकर संपर्क कर सकता है. यहां से उन्हें संस्था से जोड़कर संगीत की नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. पूजा का सपना है कि संगीत के माध्यम से लोगों को एक नई पहचान मिले और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आए.