सड़क किनारे दिखने वाला ये पौधा नहीं है आम, शिव को चढ़ता है, सेहत में भी कारगर

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मदार, जिसे आक के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है. इसका उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता रहा है. आक का फूल छोटा, सफेद और कटोरीनुमा आकार का होता है, जिस पर लाल व बैंगनी रंग की चित्तियां होती हैं. इसके पौधे की जड़ में मंडारएल्बन और फ्युएबिल जैसे रसायन पाए जाते हैं, जो इसे औषधीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली बनाते हैं. मदार का उपयोग बवासीर, जोड़ों के दर्द, त्वचा रोगों समेत कई अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
भगवान शिव को पसंद है मदार का फूल परंतु कई बीमारियों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है. आइए जानते है इसके बारे में…

अगर आपके दांतों में तेज दर्द होता है तो उसके लिए मदार का दूध जादुई साबित हो सकता है. दांत के दर्द से परेशान हैं तो इसके लिए मदार के दूध में कॉटन बॉल को मसाज करने पर आपको दर्द से छुटकारा मिल जाएगा.

मदार का पौधा, जिसे आक के नाम से भी जाना जाता है. इसके फूलों की माला और पत्तियां महादेव को चढ़ाए जाते हैं.

इस पौधे के हर हिस्से में दूध होता है. इस पौधे का उपयोग कर अनेक बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. आपको बताते चलें कि इसके विभिन्न प्रयोग से पुराना दर्द, सूजन, त्वचा रोग, सुंदरता, पुराना से पुराना सांस का रोग, पेट से संबंधित रोग इत्यादि अनेकों बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है.

आयुर्वैदिक डॉक्टर सुरेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मदार के फूलों को पीसकर पाउडर बनाकर, सेंधा नमक के साथ सेवन करने से अस्थमा, खांसी, सर्दी और सांस की समस्या दूर होती है. इसके पत्ते का धुआं भी लाभकारी है.

मदार के पत्तों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन्स और खनिज भरपूर मात्रा में होने के कारण, यह पाचन तंत्र से जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर देता है.

मदार का पेड़ आपको अक्सर गांव और सड़क किनारे मिल जाएगा. यह पेड़ कई बीमारियों के लिए फायदेमंद भी होता है, परंतु सावन के महीने में इसके फूल भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं.

मदार के पत्तों को पैरों के तलवे पर रखकर सोने से डायबिटीज नियंत्रित हो जाती है.