सरसों के डंठल को कूड़ा समझकर फेंकते हैं तो अभी रुक जाएं, किसान भाई इससे भी कर सकते हैं कमाई!

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Sultanpur: अक्सर किसान सरसों के डंठल को कूड़ा समझकर फेंक देते हैं. जबकि इससे कई तरह की कमाई की जा सकती है. जानते हैं सरसों के डंठल से क्या-क्या बन सकता है.
सरसों के डंठल की पिंजी
हाइलाइट्स
- सरसों के डंठल से झाड़ू बनाकर बेच सकते हैं.
- ईंट भट्ठों पर सरसों के डंठल की सप्लाई करें.
- सरसों के डंठल से टटिया बनाकर मुनाफा कमाएं.
सुल्तानपुर. अक्सर हमारे आसपास कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम कूड़ा समझकर फेंक देते हैं, लेकिन वही चीज हमारी कमाई का एक बेहतर जरिया बन सकती है. इसी क्रम में आता है सरसों का डंठल. इस समय सरसों की कटाई चल रही है और लोग सरसों की कटाई और मड़ाई के बाद सरसों तो घर के अंदर रख दे रहे हैं, लेकिन डंठल को कूड़ा समझकर फेंक देते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि सरसों के डंठल को किस तरह प्रयोग करें कि यह हमारी कमाई का एक जरिया बन जाए. आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय.
इसे कूड़ा समझकर न फेंके
सुल्तानपुर समेत अवध क्षेत्र में सरसों के डंठल को पिंजी कहा जाता है. यह सरसों के पौधे का सूखा हुआ भाग होता है, जो सरसों अलग करने के बाद बचता है. ज्यादातर किसान इसे कूड़ा समझकर फेंक देते हैं, जबकि यह उनकी कमाई का बढ़िया जरिया बन सकता है और अच्छा मुनाफा भी दिला सकता है.
झाड़ू बनाकर बेच सकते हैं
किसान मोहन ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि सरसों के डंठल को अगर व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो इसकी झाड़ू बनाकर बाजार में बेची जा सकती है. हालांकि, यह झाड़ू अस्थायी होती है, लेकिन बड़े क्षेत्रफल में यह काफी उपयोगी साबित होती है. इसे 25-30 रुपए प्रति झाड़ू के हिसाब से बाजार में बेचा जा सकता है.
ईट भट्ठों पर करें सप्लाई
सरसों के डंठल को ईंट भट्ठों पर सप्लाई कर इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. दरअसल, सरसों का डंठल ईंट भट्ठों में ईंट पकाने के काम आता है, क्योंकि कोयले को लपक देने के लिए सरसों का डंठल अधिक प्रभावी होता है. बशर्ते इसकी मड़ाई की गई हो और टुकड़ों में भी काटा गया हो. मड़ाई के बाद इसकी कीमत 800 रुपए प्रति कुंतल तक होती है.
टटिया बनाकर बेच सकते हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में भूसा, उपले वगैरह रखने और जानवरों को ठंड से बचाने के लिए टटिया का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सरसों के डंठल और अरहर के डंठल के मिश्रण से टटिया बनाकर इसे बेचा जा सकता है, जिसकी कीमत 1000 रुपए प्रति टटिया हो सकती है. इस प्रकर सरसों के डंठल का कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है.