सहेजा गया राम मंदिर के 500 सालों का इतिहास, इस ट्रिक से जान सकेगी युवा पीढ़ी

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Ayodhya ram mandir latest news : संतों और विशिष्ट जनों ने राम मंदिर ट्रस्ट को अपने विचार लैटर पैड पर उपलब्ध कराए हैं, जिसे संकलित कर सुरक्षित किया गया है.
राम मंदिर
अयोध्या. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश की 8000 से ज्यादा विभूतियां राम मंदिर में आमंत्रित की गई थीं. इसमें 4000 साधु संत थे और 4000 फिल्म अभिनेता, राजनेता और अपने-अपने क्षेत्र में नामचीन व्यक्ति. इन सभी से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर उनके विचार मांगे गए थे. इन्होंने अपने विचार अपने लैटर पैड पर राम मंदिर ट्रस्ट को उपलब्ध करा दिए हैं. जिसे संकलित कर सुरक्षित किया गया है ताकि अगली पीढ़ी राम मंदिर आंदोलन, उसके संघर्ष और प्राण प्रतिष्ठा के विश्व व्यापी आयोजन को करीब से जान सके.
उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के ऐतिहासिक निर्णय को भी इस पुस्तक में जगह दी गई है. ‘हिंदू चेतना’ नामक पत्रिका पिछले 30 वर्षों से विश्व हिंदू परिषद की ओर से निकाली जा रही है. इसके विशेषांक का आज विमोचन किया गया, जिसमें अयोध्या के संत मंहत और जनप्रतिनिधि शामिल रहे. इस दौरान लगभग ढाई हजार साधु संतों को ये पत्रिका भेंट की गई. करीब 15000 साधु संतों को ये पत्रिका दी जाएगी.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस पत्रिका में कुछ लेख और रामलाल के मुक्ति के विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए समय-समय पर किए गए कार्यक्रमों का वर्णन तिथियों के अनुसार भी शामिल किया गया है. इसमें राम मंदिर के पक्ष में उच्च न्यायालय लखनऊ की ओर से आए फैसले पर एक छोटा सा लेख भी शामिल किया गया है. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि इस स्मारिका में उच्च न्यायालय का निर्णय, इतिहास की बातें, संत, महात्मा, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के विचारों का सममिश्रण है.