सावन में कांवड़ यात्रा पर प्रशासन सख्त, डीजे पर हुई कड़ी कार्रवाई, जानें वजह

Last Updated:
सावन का पवित्र महीना शुरू होते ही हर तरफ भोलेनाथ के जयकारों की गूंज सुनाई देने लगती है. मंदिरों में घंटियों की आवाज़, हर-हर महादेव के नारे और भक्ति से माहौल चारों ओर बहुत अच्छा हो रखा है. इसी बीच कांवड़ यात्रा …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- मेरठ में कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे पर सख्ती.
- 120 डीजे संचालकों को नोटिस, 30 का चालान.
- प्रशासन ने डीजे प्रोग्राम रद्द किए.
प्रशासन और पुलिस ने लिया एक्शन
भक्त कांवड़ लेकर हरिद्वार से गंगाजल लाते हैं और शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं. इस यात्रा में डीजे की धुनों पर नाचते-गाते श्रद्धालुओं की टोलियां आम नज़ारा बन चुकी हैं, लेकिन यही डीजे अब परेशानी का कारण भी बनते जा रहे हैं. प्रशासन और पुलिस ने इस बार डीजे से होने वाले नॉइस पॉल्यूशन (ध्वनि प्रदूषण) पर बड़ा एक्शन लिया है.
मेरठ जोन में पुलिस ने अब तक 120 डीजे संचालकों को नोटिस जारी कर दिए हैं, जबकि 30 डीजे संचालकों का चालान काटा गया है. पुलिस ने साफ कर दिया है कि मानक से ज्यादा ऊंचाई वाले डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. मेरठ बॉर्डर पर भी पुलिस ने डीजे को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है.
डीजे के कई बड़े प्रोग्राम रद्द
प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है और इसे शांति व मर्यादा में रहकर संपन्न किया जाना चाहिए. डीजे की ऊंची आवाज, बेतरतीब नाच-गाने और इससे उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण से न केवल आमजन को असुविधा होती है, बल्कि इससे यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है. सूत्रों की मानें तो झारखंड के प्रसिद्ध सार्जन डीजे के एक बड़े प्रोग्राम को भी रद्द कर दिया गया है, जिससे डीजे संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए कई संचालकों ने अपने प्रोग्राम खुद ही कैंसिल करने शुरू कर दिए हैं.
ना करें किसी भी तरह का मुकाबला
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि कांवड़ मार्ग पर डीजे वार या किसी भी तरह के मुकाबले को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे किसी भी कार्यक्रम पर तुरंत कार्रवाई होगी. कई जिलों में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और तय मानकों से अधिक साउंड या ऊंचाई वाले डीजे को यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा. इस कड़ी निगरानी और सख्ती के चलते अब कांवड़ यात्रा में पहले की तरह बेतरतीब डीजे और शोर-शराबे की संभावना कम दिख रही है. प्रशासन की इस पहल से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है और यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो, इसी दिशा में प्रयास जारी हैं.