सावन में कांवड़ यात्रा पर पुलिस का महाकवच! घाटों से लेकर सड़कों तक 7 लेयर की..

घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
नदी और नहर के सभी घाटों पर प्रशिक्षित गोताखोरों के साथ-साथ स्थानीय गोताखोरों की भी तैनाती की गई है. साथ ही, घाटों पर बैरिकेडिंग और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. भीड़ नियंत्रण के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालु रुक सकते हैं.
श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घाटों और कांवड़ मार्ग पर AI-enabled डेंसिटी मैपिंग कैमरे लगाए गए हैं.वहीं वाहनों की पहचान के लिए ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे भी स्थापित किए गए हैं.
हर किलोमीटर पर पुलिस तैनाती
यात्रा मार्ग पर हर एक किलोमीटर की दूरी पर बाइक सवार दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही, संवेदनशील स्थानों पर 60 अस्थाई चौकियों और प्रत्येक प्रमुख शिवालय पर एक अस्थायी थाना स्थापित किया गया है.
DGP मुख्यालय द्वारा सात स्तरीय सुरक्षा योजना बनाई गई है, जिसमें कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं. यह सुरक्षा व्यवस्था निम्नलिखित स्तरों पर लागू होगी.
तकनीकी निगरानी के निर्देश
- ANPR कैमरों की मदद से संदिग्ध वाहनों की चेकिंग होगी.
- पूर्व में आतंकी घटनाओं में प्रयुक्त वाहनों के नंबरों की पहचान कर जांच के निर्देश दिए गए हैं.
- Facial Recognition System (FRS) से आतंकवादी या विध्वंसकारी तत्वों की पहचान की जाएगी.
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थल, शिविर, घाट और शिवालय जैसे स्थानों पर एंटी सबोटाज टीम, बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) के जरिए गहन चेकिंग कराई जाएगी.
समन्वय और निगरानी के लिए WhatsApp ग्रुप
सूचना के त्वरित आदान-प्रदान के लिए तीन प्रकार के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं.
- ट्रैफिक ग्रुप
- सोशल मीडिया ग्रुप
- लीडर्स ग्रुप
अधिकारियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
DGP मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि वे कांवड़ मार्ग पर तैनात कर्मियों को सतर्क रखें और संवेदनशील व्यक्तियों की जानकारी गृह जनपदों से समन्वय कर प्राप्त करें. इस साल कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा है.