1978 के संभल दंगे में कब्जाई हिंदू परिवारों की जमीन, 46 साल बाद हुआ बड़ा एक्शन

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1978 के संभल दंगे में कब्जाई हिंदू परिवारों की जमीन, 46 साल बाद हुआ बड़ा एक्शन



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Sambhal News: 1978 के संभल दंगों में सिर्फ हिन्दुओं की हत्या ही नहीं की गई थी, बल्कि उनकी जमीनों पर गैर समुदाय के लोगों ने कब्जा भी कर लिया था. बुधवार को 46 साल बाद संभल जिला प्रशासन ने एक्शन लेते हुए तीन हिंदू परिवारों…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • 1978 के संभल दंगों में हिंदू परिवारों की जमीन पर कब्ज़ा किया गया था
  • 46 साल बाद जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए हिंदू परिवारों को लौटाई जमीन
  • जिला प्रशासन ने करोड़ों की 10000 स्क्वायर फीट जमीन कब्जा मुक्त करवाया

रिपोर्ट: सुनील कुमार 
संभल. 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के बाद की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई. संभल जिला प्रशासन ने उन हिंदू परिवारों की जमीन उन्हें वापस लौटाई है जिन्हें 1978 के दंगे में जबरन भगा दिया गया था. हिंदू परिवारों की करीब तीन करोड़ की जमीन पर प्रशासन ने परिवारों को वापस कब्जा दिला दिया है.  1978 के दंगों में तीन परिवारों को भगा कर दूसरे समुदाय के लोगों ने जमीन पर कब्ज़ा कर लिया था. इतना ही नहीं कब्जाई जमीन पर स्कूल भी बना दिया था. 46 साल बाद जमीन वापस मिलने पर हिंदू परिवारों के चेहरे पर खुशी देकने को मिली है.

एसडीएम सदर वंदना मिश्रा ने कब्जा किए गए जमीन को मुक्त करवाते हुए हिंदू परिवारों को काबिज करा कर वहां पुलिस तैनात कर दी है. पीड़ितों ने बताया कि जब भी वे इस जमीन पर जाते तो उन्हें मारपीट कर भगा दिया जाता था. जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से गुहार लगाई. एसडीएम वंदना मिश्रा ने शिकायत पर जांच की तो आरोप सही निकले जिसके बाद जमीन को कब्ज़ा मुक्त करवाते हुए असली मालिकों को उनका मालिकाना हक दिलवा दिया.

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पूर्व सपा सांसद के दबाव से नहीं हुआ एक्शन
पूरा मामला संभल में रोडवेज बस स्टैंड के पीछे स्थित करीब दो बीघे के बाग का है, जहां 46 साल पहले हिंदू परिवार रहते थे.1978 के दंगों में हिंदू परिवारों को धमका कर भगा दिया गया था. सभी परिवार दूसरे मौहल्ले और कस्बों में जा कर अपना वक्त गुजार रहे थे. इस संबंध में परिवार के सदस्यों ने पुलिस एवं पोर्टल पर शिकायत भी की थी. आरोप है कि पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क की धमक की वजह से इन परिवारोंको न्याय नहीं पा रहा था. पूर्व सांसद के दबाव में पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था.

एक डॉक्टर ने किया था कब्जा
जिसके बाद एसडीएम वंदना मिश्रा ने मंगलवार को जांच के बाद कार्रवाई शुरु की तो मौके पर पूरा बाग मिला, जिसमें तमाम पेड़ भी हैं. दूसरे समुदाय का एक डॉक्टर जमीन पर काबिज था, जहां स्कूल संचालित किया जा रहा था. वहीं दीवार पर अवैध रूप से धोखा देने के लिए फायर स्टेशन लिखा मिला. हिंदू परिवार के सदस्यों को बुलाकर एसडीएम ने जमीन पर उन्हें कब्जा दिला दिया. वहीं मौके पर दस हजार स्क्वायर फिट जमीन मिली है. बाकी करीब पांच हजार फिट के लिए बुलडोजर कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है.

दंगे के दौरान परिवार ने किया था पलायन
वहीं फर्जी तरीके से फायर स्टेशन लिखने के मामले में फायर महकमे ने मौके पर जांच शुरु कर दी है. 24 नवंबर की हिंसा के बाद संभल में प्रशासन की ये सबसे बड़ी कार्रवाई समझी जा रही है, जिसमें 46 साल पहले भगाए गए हिंदुओं को उनकी करोड़ों की जमीन प्रशासन ने वापस दिलाई है. एक दावेदार अमरीश कुमार ने बताया कि 1978 तक उनका परिवार यहां रहता था. लेकिन दंगे में उनके दादा तुलसीराम की हत्या कर दी गई. जिसके बाद परिवार वहां से जान बचाकर अपनी संपत्ति छोड़कर चला गया. इसके बाद जब लौटा तो उस पर गैर समुदाय के लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया था. लेकिन वापस लौटने कीकोशीश की तो हमें भगा दिया गया. अमरीश ने बताया कि हाल ही में जिला प्रशासन को मूल दस्तावेज के साथ शिकायत की गई थी, जिस पर एक्शन हुआ है और उनकी जमीन वापस मिली है.

2.25 बीघा जमीन पर कब्ज़ा कर बनवा दिया स्कूल
ऐसी ही एक पीड़िता आशा देवी हैं, जिन्होंने बताया कि अब वे चंदौसी में रहती है. 1978 के दंगे में परिवार ने पलायन किया था. 1978 में यहां तीन परिवार रहते थे. इस जगह पर हमारी 2.25 बीघा जमीन थी जिस पर मुस्लिमों ने कब्ज़ा कर स्कूल बनवा दिया था. जब भी हम जमीन ले जाते तो डरा-धमका कर भगा दिया जाता था. आज सूचना मिली थी कि जमीन की पैमाइश हो रही है, इसलिए आए थे. आज कब्ज़ा भी मिला है.

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