25 हजार में बनी थी अलीगढ़ ती ये बेहद खास इमारत, नवाबों और आम जनता ने दिया था चंदा

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British era buildings :
ब्रिटिश शासन काल के समय में ₹25200 में बनी थी ये बेहद खास इमारत
अलीगढ़. उत्तर प्रदेश का जनपद अलीगढ़ ताला और तालीम के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. इस शहर को ताला नगरी भी कहा जाता है. इसी तालों के शहर में कई ऐतिहासिक धरोहर भी मौजूद हैं, जो अपने आप में अलीगढ़ के इतिहास को समेटे हुए हैं. इन्हीं ऐतिहासिक इमारतों में से एक अलीगढ़ का जवाहर भवन भी है, जो अपनी ऐतिहासिक इमारत के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित करता है. जवाहर भवन परिसर में मेयर कार्यालय भी स्थित है, जिस वजह से भी लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर व इतिहासकार एमके पुंडीर ने लोकल 18 को बताया कि अलीगढ़ का जवाहर भवन एक ब्रिटिश कालीन इमारत है. आजादी से पहले इसका नाम क्रॉस वेट हॉल था, जिसका आजादी के बाद नाम बदलकर जवाहर भवन कर दिया गया.इसका निर्माण 1894 में शुरू हुआ था और 1898 में पूरा हुआ. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान एक अंग्रेजी अफसर जिसका नाम क्रॉस वेट हुआ करता था, उसने इसकी स्थापना की थी. इस अंग्रेजी अफसर के नाम पर इसका नाम क्रॉस वेट हॉल रखा गया था. जवाहर भवन में एक बड़ा हॉल और घुमावदार सीढ़ियां हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.
एमके पुंडीर आगे बताते हैं कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाई गई इस इमारत को बनाने में 25,200 रुपये का खर्च आया था. निर्माण में लगे पैसों में ₹10,000 का योगदान म्युनिसिपल बोर्ड ने किया था क्योंकि उस समय अलीगढ़ में म्युनिसिपल बोर्ड मौजूद था. बाकी के 15,200 रुपये का चंदा नवाबों और जनता द्वारा इकट्ठा किया गया था.इस जवाहर भवन की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसकी जो बनावत है, वह गोटक आर्किटेक्चर है, जो अपने आप में बेमिसाल आर्किटेक्चर होता है क्योंकि गोटक आर्किटेक्चर एक यूरोपीय शैली आर्किटेक्चर है, जो बहुत कम समय में पूरे यूरोप के अलावा दुनियाभर में फैला था. इस जवाहर भवन का निर्माण का जो स्ट्रक्चर है, वह शायद ही कहीं दूसरी जगह देखने को मिलता होगा, इसलिए भी यह अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण और खास है. फिलहाल यह जवाहर भवन नगर निगम के अधीन है और नगर निगम ही इस इमारत की देखभाल करता है.