350 साल पुराना मेरठ का ये कैंची उद्योग जिसके आगे चीन-जापान भी फेल, कीमत सिर्फ 1 रुपये से शुरू!

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350 साल पुराना मेरठ का ये कैंची उद्योग जिसके आगे चीन-जापान भी फेल, कीमत सिर्फ 1 रुपये से शुरू!


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Scissor Industry Meerut: मेरठ का कैंची उद्योग 350 साल पुराना है और इसे आखून परिवार ने शुरू किया था. इस उद्योग ने न केवल वैश्विक पहचान बनाई बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी दिया है. चीन और जापान की कैंची के मुकाब…और पढ़ें

मेरठ: स्पोर्ट्स सिटी के रूप में प्रसिद्ध मेरठ सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं है. यहां का एक ऐतिहासिक उद्योग भी है, जिसने 350 साल पहले अपनी शुरुआत की और आज भी विश्व में अपनी पहचान बनाए हुए है. हम बात कर रहे हैं मेरठ के कैंची उद्योग (Scissor Industry Meerut) की, जिसे आखून परिवार द्वारा शुरू किया गया था. लोकल-18 की टीम ने इस उद्योग से जुड़े व्यापारी शरीफ से खास बातचीत की और जाना कि कैसे मेरठ की कैंची दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुकी है.

उद्योग की शुरुआत कैसे हुई?
व्यापारी शरीफ बताते हैं कि कैंची उद्योग की शुरुआत से एक रोचक किस्सा जुड़ा हुआ है. लगभग 350 साल पहले आखून परिवार पुरानी गाड़ियों की कमानी के माध्यम से तलवारें बनाते थे. एक बार तलवार बनाने के लिए कुछ चीजें काटने की जरूरत पड़ी. इसी काम के लिए पहली कैंची बनाई गई, जिसमें पुरानी गाड़ियों की कमानी, पीतल और पुराने बर्तनों का इस्तेमाल हुआ.

जब यह कैंची तैयार हुई, तो तलवार बनाने के काम में काफी आसानी हुई. इसे देखकर आखून परिवार ने फिर कैंची बनाने का व्यवसाय शुरू किया. शरीफ कहते हैं कि शायद आखून परिवार ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके द्वारा शुरू किया गया यह बिजनेस दुनिया भर में एक विशेष पहचान बना देगा.
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मेरठ की कैंची का वैश्विक मुकाबला
शरीफ बताते हैं कि मेरठ की कैंची के सामने चीन और जापान की कैंची भी फीकी नजर आती है. इसकी वजह है उच्च गुणवत्ता और टिकाऊपन. मेरठ में 1 रुपए से लेकर 5000 रुपये तक की कैंची तैयार की जाती है. घर में इस्तेमाल होने वाली छोटी कैंची से लेकर फैक्ट्री के बड़े क्लस्टर में इस्तेमाल होने वाली भारी कैंची भी यहां बनाई जाती है.

कैंची उद्योग से जुड़ी आर्थिक ताकत
बताते चलें कि मेरठ की कैंची उद्योग से हजारों लोग रोज़गार प्राप्त करते हैं. यही वजह है कि मेरठ के एक मोहल्ले को कैंची मोहल्ला कहा जाता है. यहां हर घर में कैंची बनाई जाती है और यह उद्योग पूरे शहर की पहचान बन चुका है.

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Seema Nath

पिछले 5 साल से मीडिया में सक्रिय, वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. डिजिटल और प्रिंट मीडिया दोनों का अनुभव है. मुझे लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें लिखना और पढ़ना पसंद है.

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