40000 की लागत में 250000 का मुनाफा, फूलों की खेती से बंपर कमाई कर रहा किसान

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Raebareli Rose Farming: यूपी में रायबरेली के किसान रामफेर अपने गांव के लिए मिसाल बन गए हैं. वह पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती कर रहे हैं. किसान ने बताया कि इस खेती में उनका सालाना 40000 रुपए लागत आती है. जह…और पढ़ें
फूलों के खेत में किसान रामफेर
हाइलाइट्स
- रामफेर ने गुलाब की खेती से बंपर कमाई की.
- फूलों की खेती से गांव में रोजगार के अवसर बढ़े.
- कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं रामफेर.
रायबरेली: कहते हैं कि अगर किसी के पास कुछ करने का जज्बा हो, तो वो बड़ी से बड़ी मंजिल को आसानी से हासिल कर सकता है. ऐसा ही एक उदाहरण रायबरेली जनपद से सामने आया है. यहां के एक किसान ने अपने जज्बे और मेहनत से नई ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लिया. किसान अपनी परंपरागत खेती छोड़कर उद्यानिकी की दिशा में कदम बढ़ाया है. किसान इससे न केवल अपने लाभ को बढ़ाया है, बल्कि गांव के लोगों को भी रोजगार का अवसर प्रदान कर रहा है. उन्होंने उद्यानिकी के माध्यम से गुलाबों की खेती की है, जिससे उन्हें मुनाफा बढ़ाने के साथ-साथ गांव की सामाजिक आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में मदद मिल रही है.
इस फूल की खेती से कर रहा तगड़ी कमाई
रायबरेली जनपद के शिवगढ़ कस्बे के रहने वाले किसान रामफेर ने लोकल 18 से बताया कि वह बीते 10 सालों से 3 एकड़ जमीन पर चलाई जा रही परंपरागत खेती को छोड़कर गुलाबों की खेती की शुरुआत की. इस कदम से उन्होंने न केवल खुद को, बल्कि गांव के कई लोगों को रोजगार प्रदान कर किया है. किसान ने बताया कि फूलों की खेती में सिंचाई की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है. यह कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का भी एक तरीका है.
किसान ने बताया कि एक एकड़ फूलों की खेती कर रहा है. जहां एक एकड़ में 35 से 40 हजार रुपए की लागत आती है. इस खेती से उन्हें सालाना 2 से ढाई लाख रुपए तक की बचत हो जाती है. खेत में तैयार गुलाब के फूलों को वह रायबरेली ,लखनऊ, बाराबंकी की बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं. जहां पहुंचते ही फूलों की बिक्री हो जाती है.
गांव के किसानों के लिए बने मिसाल
बता दें कि प्रगतिशील किसान रामफेर की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर आपके पास संकल्प और मेहनत की शक्ति होती है, तो आप हर कठिनाई को पार कर सकते हैं. इसके साथ ही सफलता की ओर बढ़ सकते हैं. किसान रामफेर का यह प्रयास न केवल उनके लिए है, बल्कि गांव के अन्य किसानों के लिए मिसाल बन गया है.