2500 साल पुराने सिक्कों का राज! अलीगढ़ में छुपा है इतिहास का असली खज़ाना, जाने

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2500 साल पुराने सिक्कों का राज! अलीगढ़ में छुपा है इतिहास का असली खज़ाना, जाने


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हर किसी को कुछ न कुछ शौक होता है, जो उसे चर्चाओं में ले आता है. ऐसा ही एक शौक अलीगढ़ के ज़िया उर रहमान का भी है. ज़िया साहब को रेयर सिक्के इकट्ठा करने का शौक है, जो उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला है. उनके पास सदियों पुराने सिक्कों का विशाल संग्रह है, जिसे संभालने और संरक्षित रखने का काम स्वयं सैयद ज़िया उर रहमान कर रहे हैं.

अलीगढ़. हर किसी को कुछ न कुछ शौक होता है, जो उस इंसान को चर्चाओं में ला देता है. ऐसा ही एक शौक अलीगढ़ के ज़िया उर रहमान नाम के व्यक्ति को भी है. ज़िया साहब को रेयर सिक्के इकट्ठा करने का शौक है, जो उन्हें पिता से मिला है. उनके पास सदियों पुराने सिक्कों का विशाल संग्रह है. इस अनमोल कलेक्शन को संभालने और संरक्षित रखने का काम सैयद ज़िया उर रहमान खुद कर रहे हैं. उनके अनुसार, उनके पास मौजूद सिक्कों में 500 ईसा पूर्व के एलेक्जेंड्रियन दौर से लेकर आधुनिक भारत के कमेमोरेटिव कॉइंस तक शामिल हैं.

जानकारी देते हुए सिक्कों का कलेक्शन रखने वाले सैयद जिया उर रहमान बताते हैं कि उनके पास एक रेयर और अत्यंत पुराना कॉइन कलेक्शन मौजूद है, जिसमें लगभग ढाई हजार साल पुराने सिक्कों से लेकर आधुनिक समय तक जारी किए गए कमेमोरेटिव और डेफिनिटिव सिक्के शामिल हैं. इस कलेक्शन को न्यूमिस्मेटिक्स कहा जाता है और यह शौक उन्हें पिता से विरासत में मिला है, जिन्हें ऐतिहासिक सिक्कों को संजोने का विशेष जुनून था. उनके पास सबसे पुराने सिक्के टैक्सिला की खुदाई से मिले एलेक्जेंड्रियन पीरियड के हैं, जिन्हें उनके पिता ने प्राप्त किया था. ये सिक्के लगभग 500 बीसी के हैं और इनमें ग्रीक सभ्यता की झलक साफ दिखाई देती है.

1947 के बाद के सिक्के भी मौजूद
उन्होंने कहा कि उनके पास प्रथम शताब्दी ईस्वी के कुशान काल के सिक्के हैं, जो राजा कनिष्क के समय के हैं और जिन पर उस दौर की मूर्तिकला तथा डांसिंग डॉल्स के चित्र उकेरे गए हैं. इसी तरह सल्तनत काल, मुगल काल और ब्रिटिश काल के अनेक सिक्के भी उनके कलेक्शन में शामिल हैं. स्वतंत्र भारत के 1947 के बाद के सिक्के भी इसमें मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारतीय सिक्कों का ढलना शुरू नहीं हुआ था, इसलिए कुछ समय तक ब्रिटिश काल के सिक्कों का ही उपयोग जारी रहा.

कॉइंस के अलावा भी कलेक्शंस 
उन्होंने बताया कि उनके कलेक्शन में विभिन्न अवसरों पर जारी किए गए कमेमोरेटिव कॉइंस, आम प्रचलन में रहने वाले डेफिनिटिव कॉइंस और मिंट से विशेष रूप से जारी किए जाने वाले प्रूफ कॉइंस भी शामिल हैं, जिन्हें आमतौर पर बाजार में नहीं पाया जाता और जिन्हें उन्होंने सीधे मिंट से खरीदा है. यहां कॉइंस के अलावा कई अन्य कलेक्शंस भी मौजूद हैं, जिनमें पोस्टल स्टैम्प्स यानी फिलैटली, पेंटिंग्स, मैन्युस्क्रिप्ट्स, म्यूज़िक आइटम्स, रेयर आर्ट पीसेज़ और क्रॉकरी कलेक्शन शामिल हैं. इन्हीं कलेक्शन में यह कॉइन कलेक्शन भी एक अहम स्थान रखता है और इतिहास, कला तथा संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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