चित्रकूट में यहां होने वाला है 151 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ, देश के कोने-कोने से उमड़ेगी साधुओं की भीड़

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चित्रकूट में यहां होने वाला है 151 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ, देश के कोने-कोने से उमड़ेगी साधुओं की भीड़


चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट एक बार फिर ऐतिहासिक आध्यात्मिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है. प्रभु श्रीराम की तपोस्थली में अब गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी पर आयोजित होने जा रही है, जिसमें विराट महायज्ञ के माध्यम से विश्व कल्याण का संदेश देगी. बता दें कि चित्रकूट स्थित गायत्री शक्तिपीठ में 17 दिसंबर से 20 दिसंबर तक 151 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं, साधु-संतों और विचारकों के उमड़ने की संभावना जताई जा रही है.

किसी भी समाज के लोग हो सकते हैं शमिल

जानकारी के अनुसार, इस महायज्ञ को केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक और वैचारिक जागरण का महोत्सव माना जा रहा है. गायत्री परिवार से जुड़े अनुयायियों के अनुसार, यह आयोजन यज्ञीय ऊर्जा के माध्यम से व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के चरित्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त प्रयास होगा. विशेष बात यह है कि यह आयोजन पूरी तरह निःशुल्क और सर्वसमाज के लिए खुला है, जहां किसी भी जाति, वर्ग या संप्रदाय का व्यक्ति आकर इसमें शामिल हो सकता है.

17 दिसंबर से शुरू होगा आयोजन

चित्रकूट गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक रामनारायण त्रिपाठी ने बताया कि 17 दिसंबर को सुबह 10 बजे विराट कलश यात्रा के साथ आयोजन का शुभारंभ होने जा रहा है. इस यात्रा में 25 से अधिक आकर्षक झांकियां, संतों के ध्वज, वेद मंत्रों की गूंज और पारंपरिक साज-सज्जा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक वातावरण में सराबोर कर देगी, जिसके बाद 18 दिसंबर की सुबह 8 बजे से 151 कुंडी यज्ञशाला में सामूहिक हवन प्रारंभ होगा, जबकि दोपहर बाद युग संदेश, गीत-संगीत और विशिष्ट अतिथियों के प्रेरक उद्बोधन होंगे.

24000 दीपों से सुसज्जित होगा महायज्ञ

उन्होंने आगे की जानकारी में बताया कि 19 दिसंबर को विभिन्न संस्कार कार्यक्रमों के साथ 24 हजार दीपों से सुसज्जित विराट दीप महायज्ञ आयोजित किया जाएगा. इसी दिन शाम 4 बजे विश्व प्रसिद्ध वक्ता डॉ. चिन्मय पांडे की ओर से युग संदेश दिया जाएगा, जिससे युवा वर्ग और समाज को नई दिशा मिलने की उम्मीद है. 20 दिसंबर को महायज्ञ का विधिवत समापन किया जाएगा. इस आयोजन में श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है और ठंड को देखते हुए टेंट, अलाव और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं.



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