अरे बाप रे! ये तो गजब की है लड़की, बिना देखे ही सबकुछ सूंघ कर पढ़ लेती है

Last Updated:
Sultanpur News In Hindi: सुल्तानपुर की दीक्षा यादव, कक्षा 6 की छात्रा, आंखों पर पट्टी बांधकर किताबें सूंघकर पढ़ लेती हैं. उन्होंने यह कला अपने टीचर स्वाधीन सस्मल से सीखी है. दीक्षा का सपना आईएएस बनने का है.
Sultanpur News In Hindi
हाइलाइट्स
- दीक्षा यादव आंखों पर पट्टी बांधकर किताबें सूंघकर पढ़ लेती हैं.
- दीक्षा ने यह कला अपने टीचर स्वाधीन सस्मल से सीखी है.
- दीक्षा का सपना आईएएस बनने का है.
सुल्तानपुर: इस दुनिया में हर व्यक्ति अपने आप में खास है और ईश्वर ने उसे एक विशेष योग्यता और प्रतिभा देकर भेजा है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कला और प्रतिभा के बारे में बताने वाले हैं जो सुल्तानपुर और पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. हम बात कर रहे हैं सुल्तानपुर जिले की एक बच्ची के बारे में जो अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर किताबों, नोटों और अन्य किसी लिखित चीज को सूंघकर और महसूस कर बता देती है और उसे पढ़ लेती है. तो आइए जानते हैं इस प्रतिभा के पीछे क्या राज छिपा है.
बिना देखे सबकुछ बता देती है
दरअसल, सुल्तानपुर के चौकिया स्थित एसकेपी स्कूल में कक्षा 6 की छात्रा दीक्षा यादव अपनी अनोखी प्रतिभा के कारण सुल्तानपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. यह बच्ची अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर किसी भी चीज को आसानी से देख सकती है. दीक्षा ने यह टैलेंट अपने टीचर स्वाधीन सस्मल से सीखा है. लोकल 18 से बातचीत के दौरान दीक्षा ने बताया कि वह बंद आंखों से किसी भी चीज को देख और पहचान सकती हैं. वह यह काम पिछले एक साल से कर रही हैं.
पहले तो घबरा गये लोग
दीक्षा ने शुरुआत में जब इस तरह की एक्टिविटी की तब लोग घबरा गए कि आखिर यह कैसे हो सकता है लेकिन धीरे-धीरे सभी लोग दीक्षा को समझ गए और अब काफी तारीफ करते हैं.
इस तरह से सीखा यह टैलेंट
लोकल 18 से बातचीत के दौरान दिक्षा ने बताया कि उन्होंने यह टैलेंट अपने टीचर स्वाधीन सस्मल से सीखा. उन्होंने कहा कि आंखों में पट्टी बांधकर कुछ भी पढ़ने की यह कला उन्होंने किसी जादू से नहीं बल्कि अंतर्ध्यान और मेडिटेशन के माध्यम से सीखी है.
आईएएस बनने का है सपना
दीक्षा यादव ने बताया कि वह भविष्य में आईएएस बनना चाहती हैं और साथ ही योग के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहती हैं. दीक्षा के इस टैलेंट से सुल्तानपुर जिले के लोग बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं. उनका मानना है कि जिले में ऐसा पहली बार हुआ है, जिससे वे बहुत खुश हैं.