धान की फसल बेस्ट है ये मिट्टी, अगर पहचान गए इस मिट्टी की खासियत तो पैदावार के साथ मुनाफा भी होगा डबल

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काली मिट्टी को चेर्नोजम भी कहा जाता है. ये मिट्टी अपने विशेष गुणों के लिए जानी जाती है. जो पानी वाली फसलों के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी है.
काली मिट्टी
हाइलाइट्स
- काली मिट्टी को चेर्नोजम भी कहा जाता है.
- धान की फसल के लिए काली मिट्टी उपयुक्त है.
- काली मिट्टी में ह्यूमस की मात्रा अधिक होती है.
सुल्तानपुर: गेहूं की कटाई लगभग लगभग समाप्त हो चुकी है और अब किसान धान की खेती के लिए तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको काली मिट्टी की खासियत के बारे में बताने वाले हैं, जो कि धान की फसल में कई गुना बढ़ोतरी कर देगी. आइए जानते हैं धान की फसल के लिए कितनी उपयोगी है ये काली मिट्टी…
यह होता है गुण
काली मिट्टी को चेर्नोजम भी कहा जाता है. यह मिट्टी अपने विशेष गुणों के लिए जानी जाती है. मृदा प्रयोगशाला सुल्तानपुर में कार्यरत मृदा विशेषज्ञ सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि काली मिट्टी अपने विशेष गुणों के लिए जानी जाती है, क्योंकि इसमें ह्यूमस की मात्रा अधिक होती है जो पानी वाली फसलों के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी है.
उपजाऊ होती है काली मिट्टी
काली मिट्टी में फॉस्फोरिक एसिड, फॉस्फोरस और अमोनिया का प्रतिशत अधिक मात्रा में होता है. यह आयरन, चूना, कैल्शियम, पोटाश, एल्युमीनियम और मैग्नीशियम से भी भरपूर होती है. इसके साथ ही ये मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है और कई तरह की फसलों की खेती के लिए भी उपयोगी होती है.
धान के लिए काफी फायदेमंद है यह मिट्टी
सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि काली मिट्टी वैसे तो मुख्य रूप से कपास की खेती के लिए अच्छी होती है, लेकिन उत्तर भारत में पाई जाने वाली काली मिट्टी में धान भी काफी अच्छी तरीके से उगाया जा सकता है. ये मिट्टी धान की खेती के लिए काफी फायदेमंद होती है, क्योंकि इसमें नमी अधिक दिनों तक रूकती है, जो धान के पौधों के लिए काफी अच्छा माना जाता है.