आगरा के पूर्व सैनिक देंगे युद्ध और आपातकालीन हालात में प्रशिक्षण, 18,500 पूर्व सैनिक तैयार

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कैप्टन (आईएन) सुनील कुमार ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए जनता को जागरूक करना और उन्हें इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है.
पूर्व सैनिक
हाइलाइट्स
- आगरा के पूर्व सैनिक देंगे युद्ध और आपातकालीन हालात में प्रशिक्षण.
- पूर्व सैनिक अपने गांव, मोहल्ले और कस्बों में जाकर देंगे ट्रेनिंग.
- प्रशिक्षण में हवाई हमले से बचाव और प्राथमिक उपचार सिखाया जाएगा.
आगरा: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए आगरा जिले के पूर्व सैनिकों और सैन्य अधिकारियों ने जनता और युवाओं को युद्ध की तैयारियों और आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. जिले में कुल 18,500 पूर्व सैनिक और सैन्य अधिकारी हैं, जो जिला सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के निरंतर संपर्क में रहते हैं.
पूर्व सैनिक अपने-अपने गांव मोहल्ला और कस्बों में जाकर देंगे ट्रेनिंग
जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष कैप्टन (आईएन) सुनील कुमार ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए जनता को जागरूक करना और उन्हें इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है. पूर्व सैनिक अपने-अपने गांव, मोहल्ले और कस्बों में जाकर लोगों को हवाई हमले से बचाव और युद्ध जैसी परिस्थिति में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों की जानकारी देंगे. इसके लिए वे स्कूल-कॉलेज, सार्वजनिक पार्क, मैदान या घरों की छत पर भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं.
युद्ध के दौरान क्या होने चाहिए जरूरी सामान
इस प्रशिक्षण में बच्चों और नागरिकों को बताया जाएगा कि अगर अचानक सायरन बजता है, तो क्या करना चाहिए. जैसे– घर और दुकान की लाइटें बंद करना, पंखे और स्ट्रीट लाइट ऑफ करना, खिड़कियों में पर्दे डालना और बमबारी की स्थिति में खुले स्थान पर पेट के बल लेटना आदि. इसके अलावा प्राथमिक उपचार के तरीकों और फर्स्ट एड बॉक्स तैयार करने की विधि भी सिखाई जाएगी. अगर घर में शिशु, बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति हैं, तो उनके देखभाल में विशेष सावधानी कैसे बरती जाए, इसकी जानकारी भी दी जाएगी.
देश के लिए काम आएगा युद्ध का अनुभव
कैप्टन सुनील कुमार ने बताया कि आगरा के अधिकतर पूर्व सैनिक सीमा पर सेवाएं दे चुके हैं और कई तो युद्ध में भाग ले चुके हैं. सभी पूर्व सैनिक और अधिकारियों से संपर्क किया गया है और उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे जहां भी संभव हो, लोगों को प्रशिक्षण दें और देश की सुरक्षा के इस अभियान में भागीदार बनें.