पीलीभीत में बड़े कछुआ तस्कर गिरोह का भंडाफोड़, लगभग 150 कछुए बरामद

Last Updated:
यूपी के पीलीभीत में एक बड़े कछुआ तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. कार सवार तस्कर कछुओं को उत्तराखंड लेकर जा रहे थे. इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने घेराबंदी कर तस्करों को धर दबोचा है. इधर कछुओं क…और पढ़ें
पीलीभीत में कछुआ तस्कर गिरोह का भंडाफोड़.
यूपी के पीलीभीत में एक बड़े कछुआ तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. कार सवार तस्कर कछुओं को उत्तराखंड लेकर जा रहे थे. इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने घेराबंदी कर तस्करों को धर दबोचा है. इधर कछुओं की बरामदगी के बाद विभागीय केस काटा जा रहा है. वहीं तीन में से दो आरोपी भी वन विभाग की गिरफ्त में हैं.
यह मामला उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले का है. जहां वन विभाग की टीम को बड़े कछुआ तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ करने में सफलता मिली है. दरअसल हाल ही में पीलीभीत वन विभाग के खुफिया तंत्र को कछुआ तस्करी को लेकर सूचना मिली थी. तीन दिनों से वन विभाग की टीम तस्करों की सुरागशी में जुटी हुई थीं.
तकरीबन 150 की संख्या में कछुआ
इधर शनिवार को एसडीओ रमेश चौहान की अगुआई में 6 सदस्यीय टीम ने घेराबंदी कर तस्करों को न्यूरिया थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले टांडा बिजैसी के समीप से धर दबोचा. वहीं इस दौरान उत्तराखंड के सितारगंज निवासी विशाल, राकेश वन विभाग की गिरफ्त में आ गए वहीं एक आरोपी सचिन भागने में सफल हो गया. बरामद किए गए कछुओं में इंडियन सॉफ्टशेल व इंडियन फ्लैपशेल प्रजाति शामिल हैं, यह दोनों ही प्रजाति भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 1 में शामिल हैं. वहीं बरामद किए गए कछुओं की संख्या तकरीबन 150 से भी अधिक होने का अनुमान है. इन कछुओं का इस्तेमाल भोजन व शक्तिवर्धक दवाइयों के लिए किया जाता है. हाल फिलहाल वन विभाग ओर से विभागीय केस काट कर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली टीम में एसडीओ रमेश चौहान, डिप्टी रेंजर दिनेश गिरी, वन दरोगा बृजेश, ख्याली राम, शेर सिंह, राजेन्द्र, राकेश कुमार शामिल हैं.
भोजन और शक्तिवर्धक दवाओं में होता है इस्तेमाल
हर साल हजारों-लाखों की तादाद में वन्यजीव अंधविश्वास और लोगों के स्वाद की खातिर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं. ठीक ऐसा ही बरामद किए गए कछुओं के साथ होने वाला था. आरोपियों ने बताया कि इन कछुओं को पहले तो भोजन के लिए इस्तेमाल किया जाता. जिसके बाद इनके शेल ( बाहरी आवरण) को शक्तिवर्धक दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता. इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए एसडीओ रमेश चौहान ने बताया कि गाड़ी व कछुओं की बड़ी खेप समेत तस्करों को पकड़ा गया है. मामले में विभागीय कारवाई की जा रही है.