बिहार से चलने वाली ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड, संख्या भी, रेलवे ने किए ये बदलाव

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indian railway – प्रयागराज मंडल के नैनी-मानिकपुर रेल सेक्शन में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली लागू की गई है, जिससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी और अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी.
कम समय में पूरी हो सकेगी यात्रा.
प्रयागराज. बिहार से पश्चिमी और दक्षिण भारत तथा कोलकाता से मुंबई की ओर ट्रेन से जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाली रेल लाइन में ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी.
प्रयागराज. भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास कर रह है. इसी कड़ी में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली लगाई जा रही है. जिससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी. इस वजह से ज्यादा संख्या में ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. इसी कड़ी में प्रयागराज मंडल के नैनी-मानिकपुर रेल सेक्शन आटोमैटिक सिग्नलिंग तकनीक लागू की गयी है.
उत्तर मध्य रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों की सुचारू संचालन के लिए प्रयागराज मंडल के नैनी-मानिकपुर रेल खंड में जसरा-मदरहा-लोहगरा के 12.1 किलोमीटर के दो हिस्सों में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली शुरू की है. यह रेल मार्ग उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ता है. इस रास्ते से कोलकाता से मुंबई, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से पश्चिम और दक्षिण भारत जाने वाली ट्रेनें चलती हैं. साथ ही, इस क्षेत्र के बिजली संयंत्रों तक कोयला ले जाने वाली मालगाड़ियां भी इस मार्ग से गुजरती हैं.
नैनी-मानिकपुर मार्ग 92.53 किलोमीटर लंबा है. इस 12.1 किलोमीटर हिस्से में स्वचालित सिग्नलिंग का काम रेल यातायात रोककर पूरा किया गया. इस नई प्रणाली से एक ही लाइन पर एक दिशा में कई ट्रेनें आसानी से चल सकेंगी. इससे ट्रेनें समय पर और तेजी से चलेंगी, रेलवे की क्षमता बढ़ेगी और भीड़ कम होगी. इससे पहले, मार्च 2025 में लिंक जंक्शन-इरादतगंज-जसरा के 14.05 किलोमीटर हिस्से में भी स्वचालित सिग्नलिंग शुरू की गई थी, जिससे इस मार्ग की कार्यक्षमता में और सुधार हुआ.
मुख्यालय और प्रयागराज मंडल की टीमों ने मिलकर इसे योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया. इस नई सिग्नलिंग प्रणाली से यात्रियों को समय पर यात्रा की सुविधा मिलेगी और माल ढुलाई भी तेज होगी. यह कदम रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
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