यहां से बिरयानी की हुई थी शुरुआत, चेन्नई मद्रास सहित पूरे देश मे मशहूर, जानें

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यहां से बिरयानी की हुई थी शुरुआत, चेन्नई मद्रास सहित पूरे देश मे मशहूर, जानें


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Famous Biryani: मुरादाबाद की खलीफा बिरयानी, सय्यद रिफाकत अली की ओर से शुरू की गई, अपनी खास पहचान रखती है. उनके बेटे शानू और परवेज इस विरासत को संभाल रहे हैं. बिरयानी 280 रुपए किलो बिकती है. जानिए क्या खास है इस…और पढ़ें

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इस बिरयानी की दूर-दूर से आती है डिमांड।

हाइलाइट्स

  • मुरादाबाद की खलीफा बिरयानी मशहूर है.
  • बिरयानी 280 रुपए किलो बिकती है.
  • बच्चों को एक-दो रुपए में भी बिरयानी मिलती है.

मुरादाबाद. यूपी के मुरादाबाद की अपनी एक खास पहचान है. अगर बात की जाए खाने की, तो यहां की बिरयानी लोगों के लिए सबसे ऊपर है. खड़े साबुत मसालों से बनी हुई बिरयानी लोगों को खूब पसंद आती है. मुरादाबाद में बनने वाली मुगलई बिरयानी के जानकार बताते हैं कि मुगलई बिरयानी की सबसे पुरानी दुकान थाना गलशहीद से 100 मीटर आगे काला प्याजा मोहल्ले की संकरी गली में खलीफा बिरयानी वालों की है. दरअसल, अपने कार्य में माहिर किसी भी व्यक्ति को खलीफा कहते हैं. इसी तरह मुगलई बिरयानी बनाने के माहिर सय्यद रिफाकत अली को आज लोग खलीफा बिरयानी वाले के नाम से जानते हैं. खलीफा बिरयानी वाले सय्यद रिफाकत अली के निधन के बाद अब उनके बेटे शानू और परवेज पीतल का दूसरा कारोबार चलाने के साथ ही अपने पिता की विरासत को जिंदा रखे हुए हैं.

खुली कई दुकानें
हालांकि खलीफा बिरयानी के साथ ही अब मुरादाबाद में आलम बिरयानी, राशिद बिरयानी और अहमदाबाद बिरयानी सेंटर की भी कई ब्रांच शहर के अलग-अलग इलाकों में खुल गई हैं. सुबह 11 बजे से रात 12 बजे तक बिरयानी के शौकीन हर घंटे तांबे के बड़े बर्तन में बनने वाली ताजी मुगलई बिरयानी का लुत्फ उठाते नजर आते हैं. जबकि खलीफा बिरयानी का स्वाद 1971 से आज तक बरकरार है.

बिरयानी के किंग द पिता
दुकान स्वामी परवेज अली ने बताया कि उनके स्वर्गवासी पिता सैयद रिफाकत अली को मुरादाबाद में बिरयानी का किंग कहा जाता था. फिर लोग उन्हें बिरयानी का एक्सपर्ट मानते हुए ‘खलीफा’ कहने लगे थे. बस तब से ही दुकान का नाम खलीफा बिरयानी पड़ गया था.

जानें खलीफा बिरयानी की रेसिपी
परवेज अली ने बताया कि बिरयानी बनाने में अच्छी क्वालिटी के बासमती चावल, मटन/चिकन और खड़े साबुत गरम मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. बिरयानी बनाने से पहले चावलों को काफी देर तक पानी में धोकर भिगोया जाता है. उसके बाद मटन या चिकन को प्याज के साथ तांबे के बड़े बर्तन में उबाला जाता है. मटन/चिकन को उबालने के बाद उसे साफ करके एक बड़े तांबे के बर्तन में खड़े साबुत मसालों के साथ यकनी बनाई जाती है. यकनी बनने के बाद उसमें पहले से भिगोए हुए चावल और मटन या चिकन डालकर उसे धीमी आंच पर 20 से 30 मिनट तक दम पर पकाया जाता है. इसके बाद मुगलई बिरयानी पर भंगार और केसर का तड़का लगाया जाता है. केसर के रंग से रंगीन होने के बाद बिरयानी बिकने के लिए तैयार हो जाती है.

जानें खलीफा बिरयानी का रेट
मुरादाबाद में मुगलई बिरयानी प्लेट के हिसाब से नहीं, बल्कि 280 रुपए किलो तोल के हिसाब से बिकती है. किलो के हिसाब से एक व्यक्ति के लिए खाना काफी हो जाता है. इसके अलावा, दुकान के मालिक ने अपने वालिद की सल्तनत को भी जीवित रखा है. वे बच्चों को एक-दो रुपए की बिरयानी भी देते हैं, ताकि बड़े होकर वे याद रखें कि इस दुकान पर उन्हें बचपन में भी सस्ती बिरयानी मिलती थी. खलीफा बिरयानी का स्वाद चखने के लिए आप दुकान पर जा सकते हैं, साथ ही ऑनलाइन ऑर्डर कर अपने घर भी मंगवा सकते हैं.

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