गुजरात का स्वाद अब दिल्ली-NCR में! 15 आइटम वाली ये स्पेशल थाली बनी सबकी फेवरेट

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गुजरात का स्वाद अब दिल्ली-NCR में! 15 आइटम वाली ये स्पेशल थाली बनी सबकी फेवरेट


गाजियाबाद: अगर आप गुजराती व्यंजनों के शौकीन हैं और दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं, तो अब स्वाद के लिए गुजरात तक जाने की जरूरत नहीं है. गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में स्थित ‘शिवाली फूड्स एंड रेस्टोरेंट’ इन दिनों अपने खास गुजराती खाने को लेकर लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो गया है. यहां मिलने वाली गुजराती थाली का स्वाद लोगों को इस कदर भा रहा है कि नोएडा, दिल्ली और फरीदाबाद से भी लोग सिर्फ इस थाली का स्वाद लेने पहुंच रहे हैं.

15 से ज्यादा आइटम वाली गुजराती थाली
इस खास थाली में 15 से भी ज्यादा पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं. थाली में कढ़ी, पूरी, मीठी दाल, सब्ज़ियां, चावल, खमन ढोकला, आमरस, पापड़, दही, मिठाई और तरह-तरह की चटनियां शामिल हैं. स्वाद से भरपूर ये पूरी थाली सिर्फ 450 रुपये में उपलब्ध है और सबसे अहम बात यह पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी है.

रसोई से रेस्टोरेंट तक का सफर
रेस्टोरेंट की फाउंडर शिवाली की कहानी भी बेहद प्रेरणादायक है. उन्हें बचपन से ही गुजराती नमकीन और मिठाइयां बनाने का शौक था. साल 2014 में उन्होंने घर पर ही स्नैक्स और मिठाइयों को बनाना शुरू किया. घर आने वाले मेहमानों से उन्हें जबरदस्त सराहना मिली. यहीं से उन्हें अपने स्वाद को लोगों तक पहुंचाने का विचार आया. फिर साल 2016 में उन्होंने एक क्लाउड किचन की शुरुआत की, जहां वह नॉर्थ इंडियन, चाइनीज और गुजराती खाना बनाकर ऑनलाइन ऑर्डर पर डिलीवर करती थीं. धीरे-धीरे उनके खाने की लोकप्रियता बढ़ने लगी.

लोगों से मिल रहा भरपूर प्यार
लगातार अच्छे फीडबैक और लोगों के प्यार से उत्साहित होकर मार्च 2024 में शिवाली ने अपने सपने को हकीकत में बदला और ‘शिवाली फूड्स एंड रेस्टोरेंट’ की शुरुआत की. उन्होंने इसे पूरी तरह शाकाहारी रेस्टोरेंट रखा ताकि हर वर्ग का व्यक्ति बिना किसी संकोच के यहां आकर भोजन कर सके. शिवाली का मानना है कि उनका मकसद केवल खाना बेचना नहीं, बल्कि लोगों को घर जैसा स्वाद, अपनापन और आत्मीयता देना है. गुजराती खाने में जो मिठास और सादगी होती है, वह हर थाली में झलकती है.

बेस्ट फैमिली रेस्टोरेंट बना
आज यह रेस्टोरेंट सिर्फ खाने की जगह नहीं, बल्कि एक ऐसा ठिकाना बन चुका है जहां लोग परिवार और दोस्तों के साथ बैठकर पारंपरिक गुजराती भोजन का लुत्फ उठाते हैं. खासकर दोपहर और रात के खाने के समय यहां भीड़ उमड़ती है. वीकेंड्स पर तो पहले से बुकिंग कराना ज़रूरी हो गया है क्योंकि बिना बुकिंग सीट मिलना मुश्किल हो जाता है.



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