क्या गिरने वाला है कांग्रेस का एक और विकेट? यूपी के इस सांसद पर लटकी तलवार, CBI कोर्ट ने भेजा गैर-जमानती वारंट

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क्या गिरने वाला है कांग्रेस का एक और विकेट? यूपी के इस सांसद पर लटकी तलवार, CBI कोर्ट ने भेजा गैर-जमानती वारंट


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Imran Masood Saharanpur : मसूद के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी आईपीसी के तहत पर्याप्त साक्ष्य. कोर्ट ने आरोपमुक्ति की याचिका खारिज कर दी है. इससे उनकी कानूनी स्थिति जटिल हो गई है.

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद.

गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गाजियाबाद की विशेष सीबीआई जज ने 2007 के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) गबन मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. यह मामला 40.12 लाख रुपये की कथित हेराफेरी से जुड़ा है, जिसकी शिकायत सहारनपुर नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) ने दर्ज कराई थी. विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने मसूद की आरोपमुक्ति याचिका खारिज कर दी और उन्हें 18 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.

नगर पालिका अध्यक्ष थे तब
इस मामले की सुनवाई गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में चल रही थी. 2007 में सहारनपुर नगर पालिका से संबंधित एक वित्तीय लेनदेन में अनियमितता का आरोप लगा था. ईओ की शिकायत में दावा किया गया कि मसूद ने 2007 में नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए फर्जी एफडीआर बनवाकर नगर पालिका परिषद के खाते से पैसे निकाले, जिसे बाद में उनके हस्ताक्षर से जमा कर मकान खरीदने में खर्च कर दिया गया. अदालत ने पाया कि इस संबंध में उनके खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी आईपीसी के तहत पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए गैर-जमानती वारंट जारी किया, जिससे उनकी कानूनी स्थिति और जटिल हो गई है.

फंस चुके हैं पहले भी
इमरान मसूद 2024 के लोकसभा चुनाव में सहारनपुर से कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए थे. वे पहले भी विवादों में रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि गैर-जमानती वारंट का जारी होना गंभीर मामला है, क्योंकि यह मसूद की संसद सदस्यता को भी प्रभावित कर सकता है. अगर इस मामले में दोष सिद्ध होता है और उन्हें दो साल से अधिक की सजा होती है, तो उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो सकती है. इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मसूद कोर्ट में पेश होते हैं या नहीं.

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