अब न करें देरी, बस नर्सरी से लाकर इस पौधे की कर दें रोपाई, फिर भर-भरकर होगी नोटों की कमाई

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अब न करें देरी, बस नर्सरी से लाकर इस पौधे की कर दें रोपाई, फिर भर-भरकर होगी नोटों की कमाई


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UP Agriculture News: कटहल का एक पौधा आमतौर पर 50 रुपए का आता है. जो की खाली पड़ी जमीन पर लगाने के बाद समय-समय पर इसमें सिंचाई की जाती है. इसमें विशेष लागत नहीं आती लेकिन जब यह पौधा बढ़ना शुरू होता है तो कम समय …और पढ़ें

फर्रुखाबाद: अगर आप भी गेहूं और धान की फसल करके थक चुके हैं. तो आप किसानों के लिए खास है यह जानकारी. आधुनिकता के इस दौर में हर किसान कम भूमि पर न्यूनतम लागत में फसल उगाना चाहता. फसल उगाकर कर कुछ ही महीनों में लाखों रुपए की कमाई की जा सके यह लक्ष्य होता है. तो आपको बता दें कि जैकफ्रूट यानी कटहल की फसल सबसे खास है. आमतौर पर इसका प्रयोग घर में सब्जी बनाने के साथ-साथ फल और अचार के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. स्वादिष्ट होने के कारण इसकी हर समय अच्छी डिमांड बनी रहती है.

फर्रुखाबाद के रहने वाले किसान ने बताया कि कटहल का एक पौधा आमतौर पर 50 रुपए का आता है. खाली पड़ी जमीन पर लगाने के बाद समय-समय पर इसमें सिंचाई की जाती है. इसमें विशेष लागत नहीं आती लेकिन जब यह पौधा बढ़ाना शुरू होता है तो कम समय में ही इसमें फल आने लगते हैं. वह भी कुंतल के वजन में. ऐसे समय पर वह मंडियों में इसकी बिक्री करके लाभ कमाते हैं. इसके साथ ही इन्हीं कटहल के पेड़ों के नीचे वह हरी सब्जियों को आकार देकर दोगुना लाभ कमा रहे हैं. इस समय तीन रुपए प्रति किलो की दर से बिक्री हो रही है. वही इस समय कटहल पकने लगता हैं. ऐसे में अधिक संख्या में कटहल पहुंचने से खरीद कम हुई, जिसके कारण किसानों को निराश होकर ही लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
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इन राज्यों से आ रही डिमांड
कटहल में विटामिन मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके साथ ही इसमें विटामिन सी, विटामिन बी जैसे विभिन्न विटामिन मिलते हैं. इसमें सोडियम, आयरन कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, जिंक जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं. बता दें, कटहल को आमतौर पर सदाबहार फसल भी कहते हैं. क्योंकि इसकी खेती किसी भी मौसम में आसानी से की जा सकती है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही फर्रुखाबाद में कटहल की खेती अधिक मात्रा में की जाती है. यहां पर इसके बागों को विशेष तरीके से तैयार किया जाता है.

यह है इसकी खेती का तरीका 
क्षेत्र में कटहल की फसल का बंपर उत्पादन हो रहा है. ऐसे समय पर यहां के किसान कटहल को डीसीएम में लोड करने के बाद आजादपुर, फरीदाबाद, साहिबाबाद और अन्य प्रदेशों में ले जा रहे हैं. फर्रुखाबाद के निवासी किसान बताते हैं कि कटहल की खेती करने के लिए वह सबसे पहले खेत को अच्छी तरीके से जुताई करने के बाद प्रति पांच मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे करने के बाद उसमें गोबर से तैयार की गई जैविक खाद को डालते हैं. इसके बाद उसमें कटहल के पौधों को लगा देते हैं. वहीं 15 दिनों के अंतराल पर वह सिंचाई करते रहते हैं इस दौरान वह इन पौधों की जड़ों में नीम की खली का भी प्रयोग करते हैं. वही यह पौधे छह वर्ष में फल देने लगते हैं.

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