घर में भगवान शिव की करना चाहते हैं स्थापना, तो इतना होना चाहिए शिवलिंग का आकार, जानें महत्व

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घर में भगवान शिव की करना चाहते हैं स्थापना, तो इतना होना चाहिए शिवलिंग का आकार, जानें महत्व


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sawan 2025: अगर किन्हीं कारणों की वजह से देवालय जाने में असमर्थ है तो हमें अपने घर के अंदर भगवान शिव का अंगूठे के बराबर की शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. इससे बड़ा शिवलिंग नहीं होनी चाहिए. 

मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : सावन माह भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे खास होता है. भक्ति भाव से शिव की आराधना करने से सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं. सावन माह में देवालय पूजा को सर्वोत्तम माना गया है. देवालय का अर्थ ही होता है कि देवाधिदेव महादेव के आराधना का केंद्र होता है. घर के पास किसी भी मंदिर में आप जाकर पूजन और अर्चन कर सकते हैं. अगर किन्हीं कारणों की वजह से देवालय जाने में असमर्थ हैं, तो हमें अपने घर के अंदर भगवान शिव का अंगूठे के बराबर की शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. इससे बड़ी शिवलिंग नहीं होनी चाहिए.

बुढेनाथ मंदिर के महंत डॉ. योगानंद गिरी ने लोकल 18 से बताया कि सावन माह में भगवान शिव की विशेष अर्चना होती है. भक्तों के द्वारा भगवान शिव की अलग-अलग तरह से पूजा देवालयों में होती है. हालांकि, घर में पूजन के लिए नर्मदा नदी के पत्थर से तैयार शिवलिंग विशेष है. क्योकि, भगवान शिव ने नर्मदा के कंकड़-कंकड़ में खुद के वास होने का आशीर्वाद दिया है. अगर नर्मदेश्वर महादेव नहीं मिल रहे हैं, तो स्वर्ण, रजत या पीतल धातु के शिवलिंग बनाने चाहिए. धन की जरूरत है तो स्वर्ण लिंग का पूजन करें. ऐश्वर्य की जरूरत है तो रजत शिवलिंग करें.

पारद और स्फटिक शिवलिंग भी विशेष

महंत डॉ. योगानंद गिरी ने बताया कि पारस और स्फटिक का शिवलिंग भी विशेष है. पारद की शिवलिंग भी शास्त्रों के अनुसार पूजन के लिये बेहद उपयुक्त है. वहीं, छात्र हो या जिन्हें विद्या की जरूरत हो. वह स्फटिक शिवलिंग का पूजन अर्चन करें. अनूठे के बराबर के शिवलिंग के पूजन से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. घर में पूजन के लिए अंगूठे के बराबर का शिवलिंग बेहद ही विशेष माना गया है.

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