Agra News : ताजमहल पर हुआ ड्रोन से हमला… डर से सहम गए लोग! सच्चाई जान सब हो गए हैरान

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Agra News In Hindi : ताजमहल की सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम की मॉक ड्रिल की गई, जिसमें हमलावर ड्रोन को सेकंडों में निष्क्रिय कर दिया गया. यह सिस्टम 8 किलोमीटर तक ड्रोन डिटेक्ट कर सकता है और 500 मीटर की रेंज…और पढ़ें
Tajmahal
हाइलाइट्स
- ताजमहल पर एंटी ड्रोन सिस्टम की मॉक ड्रिल की गई.
- ड्रोन को सेकेंडों में निष्क्रिय कर गिराया गया.
- ताजमहल को ‘नो ड्रोन ज़ोन’ घोषित किया गया.
आगरा : पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव और संभावित ड्रोन हमले को देखते हुए यूपी सरकार ने ताजमहल की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाया है. इस कड़ी में शुक्रवार को ताजमहल के टावर नंबर 4 पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया. गौरतलब है कि ताजमहल के 8 किलोमीटर क्षेत्र में ड्रोन के उड़ते ही एंटी ड्रोन सिस्टम से पता चल जाएगा, 500 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन के पहुंचते ही निष्क्रिय कर दिया जाएगा. ताजमहल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए शुक्रवार को दशहरा घाट पर एंटी ड्रोन सिस्टम की मॉक ड्रिल की गई.
इस ड्रोन रोधी प्रणाली ने ताजमहल की ओर बढ़ रहे एक ड्रोन को कुछ ही सेकेंड में निष्क्रिय कर गिरा दिया. हाल ही में एडीजी सुरक्षा रघुवीर लाल के निर्देश पर आगरा को यह अत्याधुनिक सिस्टम मुहैया कराया गया है, जिसे शुक्रवार को ताजमहल परिसर में तैनात किया गया. गौरतलब है कि 11 दिन पहले एडीजी सुरक्षा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसके बाद सिस्टम आगरा लाया गया. मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही ड्रोन ताजमहल की दिशा में बढ़ा, सिस्टम का रडार सक्रिय हो गया और कुछ ही पलों में ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया गया.
क्या है एंटी ड्रोन सिस्टम की खासियत?
एसीपी सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि यह एंटी ड्रोन सिस्टम 8 किलोमीटर तक की दूरी में ड्रोन को डिटेक्ट कर सकता है और 500 मीटर की रेंज में उसे निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है. ताजमहल को ‘नो ड्रोन ज़ोन’ घोषित किया गया है. अगर किसी ने इस क्षेत्र में ड्रोन उड़ाया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या होता है एंटी ड्रोन सिस्टम?
एंटी ड्रोन सिस्टम की मदद से ड्रोन को ट्रैक, निष्क्रिय या नष्ट किया जा सकता है. सिस्टम में रडार, लेजर और नेट लॉन्चर जैसे विकल्प मौजूद होते हैं. जैसे ही कोई अनजान ड्रोन घुसेगा, यह सेकंडों में अलर्ट देगा. ऑपरेटर तय करेगा कि ड्रोन को हवा में नष्ट करना है या सुरक्षित लैंड कराना है. ताजमहल जैसे विश्व धरोहर स्थल की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि भविष्य में और भी संवेदनशील स्थलों पर ऐसे सिस्टम लगाए जा सकते हैं.