ED के बुलाने पर फिर नहीं आया कफ सिरप तस्करी का मास्टरमाइंड शुभम, अब जारी होगी रेड कार्नर नोटिस
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Cough Syrup Smuggling News: कफ सिरप तस्करी केस में ईडी द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद भी मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल पेश नहीं हुआ है. ईडी की यह आखिरी नोटिस थी. अब ईडी शुभम के खिलाफ एनबीडब्ल्यू, रेड कॉर्नर नोटिस जारी करेगी.
लखनऊः कफ सिरप तस्करी केस में ईडी द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद भी मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल पेश नहीं हुआ है. ईडी की यह आखिरी नोटिस थी. अब ईडी शुभम के खिलाफ एनबीडब्ल्यू, रेड कॉर्नर नोटिस जारी करेगी. एसआईटी ने भी इस मामले की जांच रहे विवेचकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. विवेचकों को मामले में फाइनेंशियल ट्रेल एस्टेब्लिश करने के निर्देश दिए गए. वाराणसी में दर्ज मुकदमे में भी शुभम के खिलाफ पुलिस रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराएगी. वहीं शुभम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने खिलाफ जारी जांच और मुकदमों को खत्म करने के लिए याचिका दायर की है.
मनोहर जायसवाल को ईडी ने किया तलब
कफ़ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में ईडी ने मनोहर जायसवाल को तलब किया है. ईडी ने नोटिस भेजकर मनोहर जायसवाल को कल तलब किया. सरोजिनी नगर थाने में एफएसडीए ने मनोहर जायसवाल पर 8 नवंबर को दर्ज कराई थी एफआईआर. इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. ईडी ने मनोहर जायसवाल के अहमदाबाद,भोपाल और लखनऊ के ठिकानों पर की थी छापेमारी. आर्पिक फार्मास्यूटिकल कंपनी का डायरेक्टर है मनोहर जायसवाल.
जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
कफ सिरप तस्करी मामले में फरार आरोपी शुभम जायसवाल और विकास सिंह नर्वे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. फरवरी 2025 में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज मामले में जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट. एसटीएफ की विवेचना में फर्जी फर्मों के जरिए कफ़ सिरप की तस्करी की हुई है पुष्टि. तस्करी सिंडिकेट में शुभम जायसवाल,विकास सिंह नर्वे की भूमिका का खुलासा हुआ है. शुभम जायसवाल वाराणसी और विकास सिंह नर्वे आजमगढ़ का रहने वाला है. लखनऊ जिला कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट।
दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोडिन कफ सिरप मामले में दो आरोपियों- सिंटू उर्फ अखिलेश प्रकाश और आकाश मौर्य की रिट याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं. याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ अदालत का रुख किया था. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट और न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की पीठ ने पारित किया. इन आरोपियों के खिलाफ जौनपुर स्थित कोतवाली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
‘यह गंभीर अपराध है’
अदालत ने यह कहते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं कि याचिकाकर्ताओं का यह कृत्य समाज के खिलाफ गंभीर प्रकृति का अपराध है. अदालत ने कहा कि ये आरोपी एक बड़े सीमापार नारकोटिक्स नेटवर्क के संदिग्ध सरगना हैं और उत्तर प्रदेश में कथित कोडिन आधारित कफ सिरप की तस्करी के रैकेट के सदस्य हैं। इस नारकोटिक्स नेटवर्क का कथित तौर पर निर्माण फर्जी कंपनियों और फर्जी दस्तावेजों पर किया गया था.
अवैध खेप को खपाने के लिए बनाई गईं फर्जी कंपनियां
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इन आरोपियों ने गाजियाबाद और वाराणसी में स्टॉक प्वाइंट से भारी मात्रा में कोडिन मिले कफ सिरप को झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और बांग्लादेश पहुंचाने के लिए एक श्रृंखला बनाई थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि अवैध खेप को वैध फार्मा खेप के रूप में पहुंचाने के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाई गई थीं. इस मामले में गाजियाबाद, वाराणसी, जौनपुर और अन्य जिलों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक दूसरी पीठ ने इसी तरह के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम संरक्षण देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 17 दिसंबर निर्धारित की थी.
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प्रशान्त राय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं. प्रशांत राय पत्रकारिता में पिछले 8 साल से एक्टिव हैं. अलग-अलग संस्थानों में काम करते हुए प्रशांत राय फिलहाल न्यूज18 हिंदी के साथ पिछले तीन …और पढ़ें