Ghaziabad Fire: ‘मम्मी मुझे मामा की तरह पुलिस की वर्दी पहननी है’, दो जवान बेटों का शव देखकर फफक पड़े माता-पिता – Ghaziabad Loni Fire two brothers death Parents cried remembering their children dreams

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Ghaziabad Fire: ‘मम्मी मुझे मामा की तरह पुलिस की वर्दी पहननी है’, दो जवान बेटों का शव देखकर फफक पड़े माता-पिता – Ghaziabad Loni Fire two brothers death Parents cried remembering their children dreams


हसीन शाह,  साहिबाबाद। ”मम्मी हमारे मामा दिल्ली पुलिस में भर्ती होने के लिए कितनी मेहनत करते थे? मुझे पुलिस में भर्ती होना है। मामा की तरह पुलिस की वर्दी पहननी है। इसके लिए मैं पढ़ाई कर रहा हूं। जब मैं सुबह को दौड़ लगाता हूं तो उस समय मुझे कुछ काम न बताया करो”।

वंश समय-समय पर अपनी माता से इस बात को कहता था। वहीं अरुण भी पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहा था। उनके कमरे में रखी किताबें भी जल गईं। बेटों की मौत के बाद माता-पिता की उम्मीद भी स्याह हो गई। कमरे में किताबों की जली राख को देखकर माता-पिता फफक पड़े।

लोनी स्थित प्रशांत विहार के घर में लगी आग लगने से जला सामान। फोटो- जागरण

मां के काम में हाथ बंटाते थे बेटे

मां घर में लोअर सिलाती थीं। वंश और अरुण भी अपनी मां के काम में हाथ बंटाते थे। प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करते थे। अरुण और वंश दोनों के बोर्ड की परीक्षा शुरू होने वाली थीं। ऐसे में वह प्रतिदिन रात में पढ़ाई करके सोते थे।

शनिवार रात को भी उन्होंने सोने से पहले पढ़ाई की थी। पुलिस में भर्ती होने के लिए वह प्रतिदिन दौड़ लगाते थे। स्कूल की पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। माता-पिता भी उनके करियर को लेकर गंभीर थे।ये भी पढ़ें-Ghaziabad Fire News: लोनी में मच्छर भगाने के लिए कमरे में लगाई थी अगरबत्ती, आग लगने से दो भाइयों की मौत

“अब किताबों को कौन पढ़ेगा…”

शनिवार रात में जब दोनों बेटों की मौत हुई तो माता-पिता पूरी तरह टूट गए। रविवार सुबह मां बेटे के कमरे में गईं जहां उनकी किताबें रखी हुई थीं। स्कूल का बैग जल चुका था। जली किताबों की राख को हाथ लेकर मां बोली “अब किताबों को कौन पढ़ेगा…। मुझे तुम दोनों पर नाज था।”
देर शाम शव घर पहुंचा तो मची चीख-पुकार। फोटो- जागरणपिता ने उनकी जली कलम देखकर कहा कि दोनों बेटों को अपने हाथ कलम पकड़नी सिखाई थी। उन्होंने बेटों के लिए जो सपने देखे तो वह जलकर राख हो गए।एक दिन पहले ही अरुण ने उनसे कहा था कि जब उसकी नौकरी लग जाएगी तो वह माता-पिता को कोई काम नहीं करने देगा। देर शाम को दोनों के शव घर पहुंचे तो चीख पुकार मच गए। एक साथ दोनों भाइयों की घर से अर्थियां उठीं तो लोगों के आंसू नहीं रुके। गमगीम माहौल में दोनों को अंतिम संस्कार किया।

पीने लिए रखे पानी से आग बुझाई

स्थानीय लोगों ने बताया कि कई दिन से बिजली नहीं आ रही थी। जिस वजह पानी खत्म हो चुका था। उन्होंने पीने के लिए पानी रखा हुआ था। उसी पानी से आग बुझाई। पड़ोसी सोनू अपने कारखाने में लगा आग बुझाने का सिलेंडर ले आया।

विधायक ने बंधाया ढांढस

हादसे के बाद लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया। एसडीएम राजेंद्र कुमार शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर परिवार से बातचीत की। एसडीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शासन से पीड़ित परिवार को आपदा सहायता राशि दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
लोनी में मृतक के परिवार से मिलने पहुंचे लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर। फोटो- जागरण

लोनी में आग लगने के पुराने मामले

  • 13 जून 2024 को बेटा हाजीपुर गांव के तीन मंजिला मकान में आग लगने से पांच लोगों की मौत।
  • 19 अप्रैल 2024 को ट्रानिका सिटी दौलत नगर डीप सिटी कालोनी में आग लगने से दो भैंस की मौत।
  • 19 मई 2024 को घड़ी सबलू आग लगने से 17 मुर्गी, सात बकरी, पांच बतख की मौत।
  • 15 फरवरी 2023 को इंदिरापुरी कॉलोनी में मकान में आग लगने से 80 वर्षीय सेवानिवृत्ति बैंक प्रबंधक की मौत।
  • 22 सितंबर 2023 को डीएलएफ कॉलोनी स्थित फ्लैट में आग लगने से महिला की मौत।
  • आठ दिसंबर 2022 को संगम विहार कॉलोनी स्थित डेरी में आग लगने से एक व्यक्ति व आठ पशु की मौत।
  • 24 दिसबर 2020 गंगा विहार कॉलोनी में गोदाम आग लगने से एक युवक की मौके।
  • 30 दिसंबर 2019 मौलाना आजाद कॉलोनी बेहटा हाजीपुर स्थित एक घर में आग लगने से पांच बच्चों सहित छह लोगों की मौत।

जागरण सुझाव

  1. धुएं में फंस जाने पर जमीन के सहारे कोहनी के बल रेंगकर बाहर निकलें।
  2. बिजली के तारों अच्छी गुणवत्ता होनी चाहिए।
  3. रात को रसोई गैस सिलेंडर का रेगुलेटर बंद कर दें।
  4. मच्छर भगाने के लिए अगरबत्ती की बजाय दूसरा विकल्प चुने।
  5. अगरबत्ती लगानी है तो उसके पास कोई ज्वलनशील सामान न रखें।
  6. रसोई गैस सिलेंडर की लीकेज की जांच करते रहें।
  7. घर में पूजाघर से सटाकर कपड़े रखने से परहेज करें।



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