‘I am educated’ बोलने वाले भी फंस रहे, ठगों का गैंग मास्टर प्लान कर बनाता शिकार, 42 दिन में 1.15 करोड़ उड़ाए
चंदौली: जिले के होशियार लोगों को साइबर ठग निशाना बना रहे हैं. 42 दिन में जिले में पढ़े-लिखे लोगों से साइबर ठगी के 8 मामले सामने आए. इनमें पढ़ी-लिखी महिलाओं के साथ-साथ टेक्नोफ्रेंडली व्यापारी भी हैं. इन लोगों से कुल 1.15 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है. इसमें सबसे अधिक साइबर ठगी शेयर, आइपीओ और टास्क पूरा करने के नाम पर हुई है. फिलहाल पुलिस ठगी से जुड़े सभी मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है. दरअसल, साइबर ठग लोगों को लालच देकर शिकार बना रहे हैं.
ऐसे बना रहे ठगी का शिकार
मुगलसराय के कैलाशपुरी स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाली स्नातक उत्तीर्ण महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि फेसबुक पर एक लिंक क्लिक होने के बाद वह टेलीग्राम के एक ग्रुप से जुड़ गईं. इसके बाद उन्हें एक टास्क दिया गया. टास्क पूरा करने पर रुपये मिलने का लालच दिया गया. इस दौरान झांसा देकर साइबर ठगों ने उनके खाते से 30 लाख 11 हजार 980 रुपये निकाल लिए. वहीं, कुछ ऐसे लोग हैं, जो स्मार्टफोन फोन अच्छे से चलाना जानते हैं. फिर भी साइबर ट्रेडिंग, शेयर मार्केट में इन्वेस्ट और ऑनलाइन गेम्स में रुपए जीतने और गलत वीडियो देखने के चक्कर में अपनी कमाई गंवा रहे हैं.
आइपीओ दिलवाने के नाम पर ठगी
चंदौली निवासी स्नातक उत्तीर्ण एक व्यक्ति ने बताया कि वो ट्रेडिंग करते हैं. उन्हें आइपीओ दिलवाने के नाम पर उनके साथ ठगी हुई. उन्होंने बताया कि ठगों ने पहले उन्हें एक ऐप के जरिये 50 लाख रुपये का लोन दिलवाया. इसके बाद विभिन्न खातों में 50 लाख रुपये ले लिए. वहीं, पुलिस की ओर से अभियान चलाने के बावजूद लोग नहीं चेत रहे हैं. निजी जानकारी साझा कर या फिर एपीके फाइल डाउनलोड करके साइबर ठगी का शिकार हो जा रहे हैं. चंदौली जिले में एक नवंबर से 12 दिसबंर के बीच साइबर ठगी के कुल 8 मामले दर्ज हुए. साइबर ठगों ने एक करोड़ 14 लाख 28 783 रुपये की ठगी की है.
बिना जानकारी के किसी को न दें कोड
मुगलसराय के सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि थाना मुगलसराय और अलीनगर में इस तरह की जो प्रार्थना पत्र शिकायतें प्राप्त हुई हैं. उस संबंध में मेरी ओर से और साइबर सेल में जो भी कर्मचारी लगे हैं, उनकी ओर से लगातार हम लोग स्कूलों में और अन्य संस्थाओं में जाते हैं, वहां पर साइबर ठगी से कैसे बचा जाए? साइबर अपराध से कैसे बचा जाए? किसी प्रकार का नुकसान न होने पाए. इस संबंध में मेरी ओर से और मेरी टीम की ओर से लगातार उनको महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना देने व अन्य तरीके से बिना जानकारी के किसी को कोड न दें.
हम लोग लगातार कर रहे जागरूक
उन्होंने बताया कि किसी को किसी भी प्रकार की सूचना देने से मना किया जाता है और लगातार उनसे कहा जाता है कि आप साइबर अपराधियों की बातों में न आए, बल्कि जो जाना पहचाना व्यक्ति है, उसी से ही कुछ भी शेयर करें. कोई किसी प्रकार का लिंक टच न करें और किसी लिंक पर न जाए. साइबर से बचाव के संबंध में हमारे द्वारा और हमारी टीम द्वारा अवेयरनेस के कार्यक्रम स्कूलों में और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं में चलाए जाते हैं और यह लगातार हम लोग लोगों को जागरूक कर रहे हैं. चाहे वह पढ़े लिखे लोग हो, चाहे वह कम पढ़े लिखे हो. हर प्रकार के लोगों को हम लोग लगातार जागरूक कर रहे हैं.
शंका होने पर पुलिस से करें संपर्क
वहीं, चंदौली एसपी आदित्य लांग्हे ने बताया कि जिले में साइबर ठगी के कई मामले पंजीकृत हुए थे. उन्होंने कहा कि एपीके फाइल को डाउनलोड न करें. लुभावने ऑफर से बचना चाहिए, क्योंकि अधिकतर मामलों में साइबर ठग लोगों की लालच का फायदा उठाते हैं. कई बार तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर डर भी दिखाते हैं. सर्तकता ही बचाव है और शंका होने पर पुलिस से संपर्क करें.