Leopard Terror:अफवाह या हकीकत? फिर वाराणसी में दिखा तेंदुआ यहां जानें पूरा सच

वाराणसी: वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र में तेंदुआ के हमले से तीन लोग घायल हो गए. रिहायशी इलाके में घुसे तेंदुए की तस्वीर सीसीटीवी में भी कैद हुई, जिसको लेकर अब भी चौबेपुर थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव में डर और दशहत का माहौल है. तेंदुआ पकड़ने को लेकर वन विभाग की टीम अब भी एक्टिव है. तो वहीं अलग अलग जगहों पर ग्रामीण भी दोबारा तेंदुआ देखें जाने का दावा कर रहे है. हालांकि, इन दावों से इतर भी हकीकत है.
वाराणसी की डिस्ट्रिक फॉरेस्ट ऑफिसर स्वाति ने बताया कि 23 मई को चौबेपुर के नवापुरा गांव में तेंदुआ देखा गया था. पहली तस्वीर सुबह सवेरे ही सामने आई थी. उस दिन ही शाम को भी वन विभाग की टीम के बिछाए जाल को भेदकर तेंदुआ भाग गया. इसके बाद उसी दिन रात को करीब 9 बजे उसकी आखरी लोकेशन देखने को मिली.
शुक्रवार की रात आखरी बार देखा गया था तेंदुआ
फिलहाल, वन विभाग की टीम गांव में एक्टिव है और जैसे ही ग्रामीणों की ओर से कोई सूचना दी जा रही है वैसे ही वन विभाग की टीम वहां पहुंचकर जांच पड़ताल भी कर रही है. फिलहाल, 23 मई की रात के बाद तेंदुआ उस इलाके में कहीं नहीं देखा गया है. हालांकि, इससे जुड़ी कुछ अफवाएं भी समय समय पर सामने आई है, लेकिन जांच में वहां तेंदुए के पांव के निशान नहीं मिले है.
इस आधार पर ऐसा अनुमान है कि तेंदुआ जिस जगह से आया वहां वापस चला गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, तेंदुए के पांव के निशान भी गंगा नदी के करीब देखा गया है, जिससे अनुमान लगाया है कि वो वापस से चंदौली के चन्द्रप्रभा सेंचुरी चला गया है.
ग्राम प्रधान ने की थी शिकायत
बताते चलें कि मंगलवार को तेंदुए को लेकर गौराकला गांव के ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने इसकी लिखित शिकायत भी वाराणसी प्रशासन से की है, जिसमें गांव में तेंदुए को लेकर लोगों में डर के माहौल के बारे में बताया गया है.
अलर्ट पर है टीम
डीएफओ स्वाति ने बताया कि वन विभाग की टीम अब भी पूरी तरह से अलर्ट पर है. वन विभाग के करीब 100 कर्मचारी इस ऑपरेशन में शामिल हैं. 30- 30 कर्मचारियों की ड्यूटी शिफ्ट में लगाई जा रही है. हमारे पास सभी जरूरी सामान भी उपलब्ध है.