Mathura News : ब्रज में पहली बार भागवत का स्वरूप कब और किसे मिला, जानें रहस्य

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Mathura News : ब्रज में पहली बार भागवत का स्वरूप कब और किसे मिला, जानें रहस्य


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Mathura News in hindi : भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में कई लीलाएं कीं, जिनमें गोवर्धन पर्वत उठाना और उद्धव को भवसागर से पार लगाना शामिल है. कुसुम सरोवर को भागवत का प्राकट्य स्थल माना जाता है.

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भगवान कृष्ण के परपोते वज्रनाभ के द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया था. 

मथुरा. ब्रज एक ऐसा तीर्थ स्थल है, जो हर कोई यहां आकर मुक्ति पाना चाहता है. भगवान की भक्ति करने के साथ-साथ यहां की कान-कान की उसे लीलाओं का आभास चाहता है. यहां आने वाले व्यक्तियों को सभी चिताओं से दूर कर देता है. मुक्ति का मार्ग दिखाता है. भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ. किस्सा भी आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं. भागवत की उत्पत्ति कहां से हुई और कैसे हुई. भागवत की प्राप्ति किसने सर्वप्रथम ब्रज में की. हम आपको उसे रहस्य के बारे में बताएंगे.

श्री कृष्ण ने भागवत में अनेकों ऐसे श्लोक और अनेकों ऐसे आशीर्वचन दिए हैं, जो व्यक्ति उन्हें सुन लेता है. भवसागर से पर हो जाता है. उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा जाता है की भागवत गीता कृष्ण का स्वरूप है या यूँ कहे कृष्ण ही भागवत गीता है. ब्रज कृष्ण की कहानी और रहस्यों से भरा हुआ है. यहां पर आपको हम उसे रहस्य के बारे में रूबरू करेंगे, जो आज तक आपने सुना नहीं होगा. चलिए जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण से जुड़े हुए वह रहस्य जो आज भी रहस्य बने हुए हैं. हम आपको उन रहस्यों के बारे में बता रहे हैं. मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल और राधा कुंड भगवान कृष्ण की लीलाओं के स्थल रहे हैं. यहां पर श्री कृष्ण ने किसी न किसी रूप में अपनी लीलाओं को दिखाया है. गोवर्धन में गोवर्धन पर्वत को उठाकर बृजवासियों को इंद्र के तांडव से बचाया था, तो वही राधा कुंड में भी एक लीला श्री कृष्ण ने की जहां उद्धव जो कि उनके सबसे प्रिय माने जाते थे. उन्हें भवसागर से पर लगाया था. उन्होंने भवसागर से पर लगाने के साथ-साथ उद्धव को उसे चीज का रहस्य बताया था, जो आज सभी लोग भगवत गीता के बारे में सुनते हैं.

लोकल 18 की टीम राधा कुंड पहुंची और यहां परिक्रमा मार्ग में स्थित कुसुम सरोवर के बारे में जानकारी की तो बहुत से रहस्य निकाल कर सामने आए सर्वप्रथम पंडित कन्हैया लाल शर्मा ने लोकल 18 को वह बात बताएं जो आज तक किसी ने भी नहीं सुनी होगी. कन्हैया लाल शर्मा ने बताया कि दक्षिण पश्चिम में उद्धव जी का मंदिर बना हुआ है. विग्रह कृष्ण के परपौते वज्रनाभ के द्वारा स्थापित किया गया था. उद्धव जी ने ब्रज का वास मांगा. उद्धव जी ब्रज में रहकर गोपियों की चरण धूल चाहते थे, तो वह घास फूस और लता पताओं के रूप में यहां बस करते थे. भागवत कृष्ण ने सर्वप्रथम स्वरूप उद्धव जी को कुसुम सरोवर पर ही दिया था. भगवान श्री कृष्ण की 16107 पत्नियों को भागवत सुनाई. जिससे उन्हें भगवान की प्राप्ति हुई. पृथ्वी पर पहली बार कृष्ण पत्नियों को भागवत सुनाई थी. राधा कुंड के परिक्रमा मार्ग स्थित कुसुम सरोवर को भागवत का प्राकट्य स्थल माना गया है.

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ब्रज में पहली बार भागवत का स्वरूप कब और किसे मिला, जानें रहस्य



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