Megha Vemuri MIT: भारतीय मूल की मेघा को लेकर क्‍यों मचा है बवाल, फिलिस्तीन को लेकर क्‍या है भारत की नीति?

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Megha Vemuri MIT: भारतीय मूल की मेघा को लेकर क्‍यों मचा है बवाल, फिलिस्तीन को लेकर क्‍या है भारत की नीति?


Indian Student Megha Vemuri, MIT Row: अमेरिका के मशहूर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में भारतीय मूल की छात्रा मेघा वेमुरी ने एक समारोह में ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा लगाकर सबका ध्यान खींचा.उन्होंने इजरायल के साथ MIT के रिसर्च संबंधों की आलोचना की और गाजा में इजरायली कार्रवाइयों को निशाना बनाया. इस घटना ने भारत में भी हलचल मचाई, क्योंकि यह इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की नीति से जुड़ा है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि मेघा का बयान भारत की नीति से कितना मेल खाता है और कहां अलग है?

Who is Indian Student Megha Vemuri: कौन हैं मेघा वेमुरी और MIT में क्या किया?

मेघा वेमुरी MIT की 2025 बैच की क्लास प्रेसिडेंट हैं. मेघा वेमुरी भारतीय मूल की हैं. 29 मई 2025 को MIT के एक समारोह में उन्होंने लाल कफिया (फिलिस्तीन समर्थन का प्रतीक)पहनकर भाषण दिया. उन्होंने कहा कि MIT का इजरायल के साथ रिसर्च लिंक शर्मनाक है. यह गाजा में हो रहे नरसंहार को समर्थन देने जैसा है.मेघा ने गाजा में स्कूलों और विश्वविद्यालयों के तबाह होने का जिक्र किया और MIT से इजरायल के साथ रिसर्च संबंध तोड़ने की मांग की. उनके भाषण के दौरान कई छात्रों ने ‘फ्री फिलिस्तीन’के नारे लगाए, लेकिन MIT ने इसे नियमों के खिलाफ माना और मेघा को अगले दिन के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने से रोक दिया. मेघा ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया.

Indian Policy on Palestine: क्‍या रही है भारत की नीति?

भारत शुरू से ही फिलिस्तीन के हक में रहा है. जवाहरलाल नेहरू के समय से भारत ने फिलिस्तीनी लोगों के अपने देश और आजादी के हक का समर्थन किया है.वर्ष 1947 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के बंटवारे के प्रस्ताव का विरोध किया,क्योंकि अरब नेता इसके खिलाफ थे.1974 में भारत ने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) को फिलिस्तीनी लोगों का आधिकारिक प्रतिनिधि माना.यह गैर-अरब देशों में पहला कदम था.1988 में भारत ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी.1996-2003 में भारत ने गाजा और रामल्ला में अपने प्रतिनिधि कार्यालय खोले, जिससे फिलिस्तीन के साथ रिश्ते मजबूत हुए.भारत हमेशा से चाहता है कि फिलिस्तीन और इजरायल,दोनों अपने-अपने देश बनाकर शांति से रहें. इसे दो-राज्य समाधान कहते हैं.

अब क्या है रुख?

नरेंद्र मोदी सरकार और विदेश मंत्री एस.जयशंकर के समय में भारत की नीति में थोड़ा बदलाव आया है. भारत अब इजरायल के साथ रक्षा,व्यापार और तकनीक में दोस्ती बढ़ा रहा है,लेकिन फिलिस्तीन का समर्थन भी नहीं छोड़ा.भारत अब भी कहता है कि फिलिस्तीन को अपना अलग देश मिलना चाहिए, जो इजरायल के साथ शांति से रहे. फरवरी 2025 में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, हमारी फिलिस्तीन नीति वही है,हम दो-राज्य समाधान के साथ हैं.भारत ने 2018 से 2025 तक संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA को 22.5 मिलियन डॉलर दिए. गाजा और लेबनान के लिए 165 टन से ज्यादा दवाइयां और सामान भेजा.भारत ने UN में फिलिस्तीन के हक में 15 बड़े प्रस्तावों का समर्थन किया, लेकिन अक्टूबर 2023 में गाजा में युद्धविराम के प्रस्ताव पर भारत ने वोट नहीं दिया, क्योंकि उसमें 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले की निंदा नहीं थी.

इजरायल पर हमले की निंदा

7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हमले को मोदी ने आतंकवादी हमला कहा और इजरायल के साथ खड़े होने की बात कही. जयशंकर ने गाजा में आम लोगों के मरने पर दुख जताया और कहा कि इजरायल को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए. यह बात उन्होंने फरवरी 2024 में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कही.2018 में मोदी ने फिलिस्तीन का दौरा किया, जो किसी भारतीय PM का पहला दौरा था. उन्होंने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की और शांति के लिए समर्थन जताया.

मेघा का बयान और भारत की नीति: कहां समानता?

मेघा का ‘फ्री फिलिस्तीन’ नारा और भाषण भारत की नीति के कुछ हिस्सों से मेल खाता है.मेघा ने गाजा में आम लोगों की मौत और स्कूलों-विश्वविद्यालयों के तबाह होने की बात की. भारत भी गाजा में नागरिक हताहतों पर चिंता जताता है और UNRWA के जरिए मदद भेजता है.मेघा ने युद्धविराम और फिलिस्तीनी लोगों के लिए समर्थन की बात की. भारत भी दो-राज्य समाधान के जरिए शांति की वकालत करता है.मेघा ने गाजा में मानवीय संकट पर जोर दिया,जो भारत की नीति से मेल खाता है. भारत गाजा के लिए दवाइयां और मदद भेजता है.

मेघा का बयान और भारत की नीति: कहां अंतर?

मेघा का रुख भारत की नीति से पूरी तरह मेल नहीं खाता.इसमें कुछ अंतर भी है.भारत इजरायल के साथ रक्षा और व्यापार में गहरे रिश्ते रखता है. 2017 में मोदी ने इजरायल का दौरा किया था. मेघा ने इजरायल के साथ MIT के रिसर्च संबंधों को पूरी तरह खत्म करने की मांग की,जो भारत की इजरायल के साथ दोस्ती के खिलाफ है.भारत ने 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले को आतंकवादी कृत्य कहा. मेघा ने अपने भाषण में इसकी निंदा नहीं की,बल्कि सिर्फ इजरायल की कार्रवाइयों पर फोकस किया.
भारत की नीति दोनों पक्षों-इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संतुलन रखती है. मेघा का भाषण एकतरफा था, जिसमें इजरायल की सख्त आलोचना थी.

भारत में मेघा की घटना पर क्या बोले लोग?

भारत में मेघा के भाषण को लेकर अलग-अलग राय हैं. कुछ लोगों ने उनकी हिम्मत की तारीफ की. एक एक्स पोस्ट में लिखा गया कि मेघा ने सच बोलने का साहस दिखाया,लेकिन कुछ ने इसे गलत ठहराया. एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि MIT में पढ़ना गर्व की बात है,लेकिन मेघा ने जरूरत से ज्यादा ड्रामा किया. भारत में यह मुद्दा चर्चा में है. हालांकि मेघा के बयान से भारतीय नीति का कोई लेना देना नहीं है.



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