Mock Drill in UP : पूरे यूपी में सबसे खास रहेगी इस जिले की मॉक ड्रिल, 29 अफसर तैनात, आखिर क्या है वजह?

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Mock Drill in UP News : पूरे यूपी में सबसे खास मॉक ड्रिल A कैटेगरी में शामिल बुलंदशहर के नरौरा क्षेत्र में बुधवार शाम चार बजे आयोजित की जाएगी. नरौरा में स्थित परमाणु ऊर्जा प्लांट की संवेदनशीलता को देखते हुए इस …और पढ़ें
Mock Drill in UP : A कैटेगरी में शामिल बुलंदशहर के नरौरा क्षेत्र में बुधवार शाम चार बजे आयोजित की जाएगी.
हाइलाइट्स
- बुलंदशहर के नरौरा में मॉक ड्रिल शाम 4 बजे होगी.
- नरौरा में परमाणु ऊर्जा प्लांट की संवेदनशीलता के कारण A कैटेगरी में रखा गया.
- मॉक ड्रिल के लिए 29 अधिकारियों की तैनाती की गई है.
बुलंदशहर. वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में 7 मई बुधवार को मॉक ड्रिल होगी लेकिन 19 जिले खास हैं. इन 19 जिलों में जनपद बुलंदशहर पर सबकी निगाहें हैं. बुलंदशहर में देश की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को लेकर एक अहम अभ्यास होने जा रहा है. A कैटेगरी में शामिल बुलंदशहर के नरौरा क्षेत्र में बुधवार को शाम चार बजे मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. यह मॉक ड्रिल, न्यूक्लियर पावर प्लांट नरौरा और हाइड्रो थर्मल पावर प्लांट अरनिया को केंद्र में रखकर की जा रही है. नरौरा में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए इस क्षेत्र को फर्स्ट कैटेगरी में रखा गया है. मॉक ड्रिल सिर्फ न्यूक्लियर पावर प्लांट तक सीमित नहीं होगी. अरनिया स्थित हाइड्रो थर्मल पावर प्लांट के साथ-साथ जिले के विभिन्न कॉमर्शियल संस्थानों, शुगर मिल, डिस्टलरी, और शैक्षिक संस्थानों जैसे स्कूल और कॉलेजों में भी यह मॉक ड्रिल की जाएगी. मॉक ड्रिल को सफल बनाने और हर स्तर पर निगरानी रखने के लिए कुल 29 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है.
वहीं एडीएम प्रशासन डॉक्टर प्रशांत कुमार ने बताया, ‘बुलंदशहर कैटेगरी ए में आता है. नरौरा में शाम 4 बजे से मॉक ड्रिल की जाएगी. जिले के अन्य स्थानों में भी मॉक ड्रिल आयोजित होगी. इस मॉक ड्रिल को सफल बनाने और हर स्तर पर निगरानी रखने के लिए कुल 29 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. अधिकारियों को अलग-अलग ज़िम्मेदारियां दी गई हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपदा जैसी स्थिति में हर विभाग तत्परता से काम कर सके.’
इस प्रकार की मॉक ड्रिल का मकसद न केवल सुरक्षा तंत्र की तैयारी को परखना है बल्कि आम नागरिकों में भी जागरूकता फैलाना है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में जान-माल का नुकसान न्यूनतम किया जा सके. प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है और उन्हें डरने या अफवाहों से बचने की सलाह दी है.
साल 1977 में इस परमाणु ऊर्जा केंद्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. 1991 में परमाणु ऊर्जा केंद्र की फर्स्ट कैटेगरी की एक यूनिट की स्थापित की गई थी जबकि साल 1992 में दूसरी यूनिट बनकर तैयार हुई. इसका मालिकाना हक भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम के पास है.