Railways News: गोरखपुर से मुंडेरवा तक 26 दिसंबर से एक के पीछे एक चलेंगी ट्रेनें, ट्रैक क्षमता के साथ बढ़ेगी ट्रेनों की गति – Automatic Block Signaling System to Enhance Train Capacity and Speed in Gorakhpur Mundera Section

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Railways News: गोरखपुर से मुंडेरवा तक 26 दिसंबर से एक के पीछे एक चलेंगी ट्रेनें, ट्रैक क्षमता के साथ बढ़ेगी ट्रेनों की गति –  Automatic Block Signaling System to Enhance Train Capacity and Speed in Gorakhpur Mundera Section


उत्तर पूर्व रेलवे के गोरखपुर से मुंडेरवा तक 26 दिसंबर से एक के पीछे एक ट्रेनें चलने लगेंगी। लखनऊ मंडल में गोरखपुर से मुंडेरवा तक करीब 45 किमी आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग गया है। इस नए सिस्टम से ट्रेनों की गति बढ़ेगी और ट्रैक क्षमता में भी इजाफा होगा। ट्रेनों की निगरानी के लिए गोरखपुर में सेंट्रल ट्रैफिक कंट्रोल रूम (सीटीसी) स्थापित किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर से मुंडेरवा तक 26 दिसंबर से एक के पीछे एक ट्रेनें चलने लगेंगी। लखनऊ मंडल में गोरखपुर से मुंडेरवा तक करीब 45 किमी आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग गया है। 25 दिसंबर को नान इंटरलाकिंग पूरी हो जाएगी। इसके बाद ट्रेनों को आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम पर चलने की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी।

वाराणसी मंडल में गोरखपुर से बैतालपुर तक लगभग 45 किमी भी आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग चुका है। पूर्वोत्तर रेलवे में मुंडेरवा से बैतालपुर तक 90 किमी आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। अब इस रेलखंड के एक सेक्शन में एक के पीछे एक ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। ट्रैक क्षमता बढ़ने के साथ ट्रेनों की गति भी बढ़ जाएगी।
ट्रेनों की गति 130 किमी प्रति घंटे के लिए प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य रेलमार्ग गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक करीब 425 किमी रेलमार्ग पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लगाया जाना है। मुंडेरवा से बस्ती और देवरिया से भटनी के बीच सिग्नल सिस्टम लगाने का कार्य चल रहा है। आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख मार्गों पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग जाएंगे।

इसे भी पढ़ें-नटखट चूहे ने काटा ऐसा तार, बिजली उपकेंद्र में हो गया धमाका, 15 हजार घरों की आपूर्ति ठपलखनऊ-गोरखपुर-छपरा, छपरा-बनारस-प्रयागराज, सीतापुर-बुढ़वल 875 रूट किमी रेलमार्ग पर सिस्टम लगाने की स्वीकृति मिल चुकी है। रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख रेलमार्गों पर सिस्टम लगाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का कार्य स्वीकृत है। वर्ष 2025 तक सभी रूटों पर सिस्टम लगाने का लक्ष्य है। ट्रेनों की निगरानी के लिए गोरखपुर में सेंट्रल ट्रैफिक कंट्रोल रूम (सीटीसी) स्थापित किया जा रहा है। उत्तरी गेट पर भवन बनकर तैयार है।

सिग्नल पर लोको पायलटों को मिलेंगे चार तरह के संकेत

आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम के अंतर्गत लोको पायलटों को सभी सिग्नल पर ग्रीन, येलो, डबल येलो और रेड कुल चार तरह के संकेत मिलेंगे। ट्रेनें संकेतों के आधार पर निर्धारित गति के अनुसार एक के पीछे एक चलती रहेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे में अभी भी एब्सल्यूट ब्लाक सिग्नल सिस्टम (परंपरागत) के आधार पर ट्रेनें चल रही हैं।

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आज नहीं चलेगी गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी

चुरेब और मंडेरवा के बीच आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लागू करने के लिए 25 दिसंबर को नान इंटरलाकिंग होगी। नान इंटरलाकिंग के चलते कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा।
25 दिसंबर को 05425/05426 भटनी-अयोध्या धाम-भटनी मेमू, 12531/12532 गोरखपुर-लखनऊ जंक्शन-गोरखपुर इंटरसिटी और 04137 ग्वालियर-बरौनी स्पेशल निरस्त रहेगी। 26 को 04138 बरौनी-ग्वालियर स्पेशल भी नहीं चलेगी।पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार गोरखपुर-गोंडा रूट की कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है। कई ट्रेनें मार्ग में नियंत्रित कर चलाई जाएंगी।

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