Ram Mandir: देवलोक जैसी बिखरेगी राम मंदिर परिसर की आभा, 18 अन्य मंदिर भी हो रहे निर्मित – aura of Ram Mandir complex will spread like Devlok 18 other temples are also being built

Ram Temple आस्था के प्रधानतम केंद्र के रूप में रामजन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर अंतिम स्पर्श पा ही रहा है रामजन्मभूमि परिसर में 18 अन्य मंदिर भी निर्माणाधीन हैं। इन मंदिरों में राम मंदिर के प्रथम तल के गभर्गृह में माता सीता लक्ष्मण तथा हनुमान जी सहित श्रीराम दरबार का मंदिर होगा ही परिसर के अन्य 17 मंदिर भी शामिल हैं।
रघुवरशरण, अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर की आभा देवलोक की तरह बिखरेगी। आस्था के प्रधानतम केंद्र के रूप में रामजन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर अंतिम स्पर्श पा ही रहा है, रामजन्मभूमि परिसर में 18 अन्य मंदिर भी निर्माणाधीन हैं। इन मंदिरों में राम मंदिर के प्रथम तल के गभर्गृह में माता सीता, लक्ष्मण तथा हनुमान जी सहित श्रीराम दरबार का मंदिर होगा ही, परिसर के अन्य 17 मंदिर भी शामिल हैं। इनमें श्रीराम के अनुज लक्ष्मण का स्वतंत्र मंदिर शेषावतार मंदिर के रूप में आकार ग्रहण कर रहा है।
जो मान्यता और प्रामाणिकता रामजन्मभूमि को हासिल है, उसी मान्यता और प्रामाणिकता के अनुरूप युगों से रामजन्मभूमि के बगल ही लक्ष्मण की जन्मभूमि प्रतिष्ठित है। यहां कभी सुमित्रा भवन के नाम से मंदिर था भी और अब इस विरासत को शेषावतार मंदिर के रूप में नए सिरे से आकार दिया जा रहा है। जबकि राम मंदिर के परकोटे का दक्षिणी-पश्चिमी कोना भगवान भास्कर के मंदिर, पश्चिमी-उत्तरी कोना भगवती, उत्तर-पूर्वी कोना भगवान शिव तथा पूर्वी-दक्षिणी कोना भगवान गणेश के मंदिर से सज्जित होगा।
जबकि परकोटा की दक्षिणी दीवार का मध्य बजरंगबली और उत्तरी दीवार का मध्य मां अन्नपूर्णा के मंदिर से युक्त होगा। विश्वामित्र, वाल्मीकि, वशिष्ठ, अगस्त्य सहित निषादराज, शबरी, अहिल्या तथा रामकथा के अमर-अप्रतिम गायक गोस्वामी तुलसीदास के भी मंदिर से राम मंदिर के आसपास का क्षेत्र सुशोभित हाोगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार इन मंदिरों का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है और अगले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर माह तक इन्हें अंतिम स्पर्श दिया जा चुका होगा।
चार द्वार से सज्जित-संरक्षित होगा परिसर
रामजन्मभूमि परिसर चार द्वारों से संरक्षित-सज्जित होगा। परिसर में एक विशाल प्रेक्षागृह, विश्राम गृह एवं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय का भी निर्माण प्रस्तावित है।
अगले वर्ष तक साकार होगा रामकथा संग्रहालय का उन्नयन
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का एक अन्य प्रकल्प अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के रूप में भी उच्चीकृत हो रहा है। चंपतराय की मानें तो अगले वर्ष तक इस दिशा में प्रयास आकार ग्रहण कर लेगा।
दूरदर्शन पर राम मंदिर की संघर्ष गाथा देख सकेंगे श्रद्धालु
बता दें, भव्य व दिव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब इसके लिए बीते पांच सौ वर्षों में किए गए संघर्ष व आंदोलन से भक्तों को अवगत कराएगा। इसके लिए ट्रस्ट ने एक डाक्यूमेंट्री तैयार कराई है। पांच एपिसोड की यह डाक्यूमेंट्री दूरदर्शन पर प्रसारित हो सकती है। यद्यपि अभी केंद्र सरकार से अनुमति मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है। प्रूफरीडिंग पूर्ण हो जाने के उपरांत प्रसारण के लिए दूरदर्शन की ओर से प्रयास शुरू हो चुका है।
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