UP के बुनकरों की किस्मत बदलेगा ये मार्ट! 500 लोगों को मिलेगी नौकरियां

गाजियाबाद: गाजियाबाद शहर में रोजगार और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी और सराहनीय पहल हो रही है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से मधुबन बापूधाम में एक भव्य ‘बुनकर मार्ट’ तैयार किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. यह मार्ट सिर्फ एक मार्केट कॉम्प्लेक्स नहीं बल्कि यूपी के बुनकरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने की एक मजबूत कोशिश है.
प्राधिकरण के अनुसार, बुनकर मार्ट का 85 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. पहले चरण में यहां लगभग 200 दुकानें खोली जाएंगी, जिनमें सिल्क, खादी, कालीन, पीतल शिल्प, लकड़ी का काम और पारंपरिक फर्नीचर से जुड़ी दुकानें शामिल होंगी. खास बात यह है कि यह मार्ट सिर्फ गाजियाबाद के ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुनकरों और हस्तशिल्पियों को मंच देगा.
सीधे ग्राहक से जुड़ने का मिलेगा मौका
इस मार्ट की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि बुनकर और कारीगर अपने उत्पाद बिना किसी बिचौलिए के सीधे ग्राहकों को बेच सकेंगे. इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा और ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर शुद्ध हस्तशिल्प उत्पाद मिलेंगे.
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुनकर मार्ट को एकसाथ खोलने की बजाय इसे फेज़ वाइज़ चालू किया जाएगा ताकि व्यवस्था में कोई अव्यवस्था न हो. चारदीवारी, हॉल, दुकानें, बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तैयार हैं. अब केवल फिनिशिंग और सजावट का कार्य बाकी है, जो अगले कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.
500 से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
बुनकर मार्ट के शुरू होने से लगभग 500 से अधिक लोगों को सीधे और परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है. दुकानदारों के अलावा सेल्समैन, कारीगर, पैकिंग स्टाफ, गार्ड, सफाई कर्मचारी और स्थानीय फूड स्टॉल्स से जुड़ने वाले भी इस रोजगार श्रृंखला का हिस्सा बनेंगे.
इस परियोजना में महिला बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों को भी खास प्राथमिकता दी जाएगी. इसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनकी पारंपरिक कला को पहचान दिलाना है. यह पहल ‘महिला सशक्तिकरण’ योजनाओं से भी जोड़ी जाएगी, जिससे ग्रामीण महिलाएं मुख्यधारा से जुड़ सकें.
दिल्ली-एनसीआर के लिए खरीदारी का नया डेस्टिनेशन
यह बुनकर मार्ट न केवल गाजियाबाद बल्कि दिल्ली-एनसीआर के लिए भी एक नया शॉपिंग डेस्टिनेशन बनकर उभरेगा. पारंपरिक शिल्प के शौकीन लोग यहां आकर हैंडलूम और क्राफ्ट आइटम्स खरीद सकेंगे. इसके साथ ही विदेशी पर्यटकों को भी भारतीय कला-संस्कृति से रूबरू कराने में यह केंद्र अहम भूमिका निभाएगा.