आजमगढ़ में स्थापित है भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का प्राचीन मंदिर

Last Updated:
Azamgarh News Hindi: आजमगढ़ में भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर महर्षि चंद्रमा ऋषि आश्रम में स्थित है और भक्तों की आस्था का केंद्र है.
भगवान परशुराम
हाइलाइट्स
- भगवान परशुराम का प्राचीन मंदिर आजमगढ़ में स्थित है.
- मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
- यह मंदिर ब्राह्मण समाज के लिए विशेष महत्वपूर्ण है.
आजमगढ़: इस जिले को ऋषियों की धरती के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां कई महान ऋषियों ने तपस्या की है. आज भी यहां इन ऋषियों की तपोस्थली मौजूद है, जहां रहकर उन्होंने साधना की थी और इस जगह को पवित्र किया था. आजमगढ़ में महर्षि दुर्वासा, महर्षि दत्तात्रेय और महर्षि चंद्रमा के आश्रम हैं. इसके अलावा, आजमगढ़ में भगवान परशुराम का एक प्राचीन मंदिर भी स्थापित है, जो लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र है.
भक्तों की उम्र थी है भारी भीड़
शहर मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर महर्षि चंद्रमा ऋषि आश्रम में भगवान परशुराम का प्राचीन मंदिर स्थित है. यहां दर्शन और पूजन के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. लोग अपनी आस्था और श्रद्धा के अनुसार यहां पूजा, हवन, यज्ञ आदि करते हैं. यह मंदिर ब्राह्मण समाज के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. समय-समय पर इस मंदिर में ब्राह्मण समाज द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
यह है पौराणिक मान्यताएं
भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं और भोलेनाथ के परम भक्तों में से एक माने जाते हैं. चंद्रमा ऋषि के महंत पंडित बम बम गिरी के अनुसार, भगवान परशुराम का जन्म नाम राम था. लेकिन भगवान शिव की घोर तपस्या से उन्हें आशीर्वाद में फरसा प्राप्त हुआ, जिसके बाद से उनका नाम परशुराम पड़ा. हिंदू धर्म में मान्यता है कि भगवान परशुराम त्रेता और द्वापर युग से अमर हैं. वह महर्षि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र थे. भगवान परशुराम को बेहद क्रोधी माना जाता था और अपने क्रोध और पराक्रम से उन्होंने कई बड़े-बड़े राक्षसों का विनाश किया था.