कटहल की खेती करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, बंपर होगी पैदावार

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आजकल किसान पारंपरिक खेती छोड़कर सब्जियों की खेती पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि ये नकदी फसल है. वहीं इनकी डिमांड घरों के साथ होटल में भी रहती है.
कटहल की खेती.
हाइलाइट्स
- कटहल की खेती में कम लागत और मेहनत लगती है.
- कटहल की खेती से अच्छा मुनाफा होता है.
- कटहल की मांग बाजार और होटलों में अधिक है.
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक किसान ने कटहल की खेती की शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि कटहल की खेती में लागत और मेहनत बहुत कम लगती है और इसमें उत्पादन भी अच्छा होता है और इसमें इनकम अच्छा होने की उम्मीद है. लोकल 18 से बातचीत के दौरान प्रगतिशील किसान अक्षैबर सिंह बताते हैं कि उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर लगभग एक एकड़ में कटहल की खेती की शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि 2 से 3 साल बाद कटहल में फल आना शुरू हो जाता है.
कौन सी वैरायटी का है कटहल: अक्षैबर सिंह बताते हैं कि वियतनामी अर्ली सुपर फूड कटहल की वैरायटी है.
कटहल की खेती की क्या है प्रक्रिया: कटहल की खेती करने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जो इस प्रकार हैं.
जलवायु और मिट्टी: कटहल की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है. इसे बलुई दोमट और उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है. पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि जलभराव से पौधे खराब हो सकते हैं.
पौधों की रोपाई: कटहल को बीज से या ग्राफ्टिंग के जरिए उगाया जाता है. ग्राफ्टिंग (कलम विधि) से तैयार पौधे जल्दी फल देते हैं.
खाद और सिंचाई: रोपाई के समय जैविक खाद, गोबर की खाद और नीम खली डालनी चाहिए. गर्मियों में सप्ताह में एक बार और सर्दियों में कम पानी देना चाहिए. बारिश के मौसम में पानी की जरूरत कम होती है.
अक्षैबर सिंह बताते हैं कि बाजार में कटहल की अच्छी मांग होती है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ होता है.
कटहल की खेती के क्या क्या है फायदे:
कम लागत, ज्यादा मुनाफा : कटहल की खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता, लेकिन मुनाफा अच्छा होता है.
कम देखभाल की जरूरत : कटहल के पेड़ को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती.
बहुउपयोगी फसल: कटहल सब्जी, अचार, स्नैक्स और प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
Gonda,Gonda,Uttar Pradesh
March 02, 2025, 11:26 IST