कभी थे एक बीघा के किसान, आज हैं 20 बीघा जमीन के मालिक, जानिए कैसे किया कमाल

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उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के शहजादपुर गांव के किसान बनवारी लाल ने महज एक बीघा जमीन से अपनी खेती की शुरुआत की थी. करीब 40 वर्षों की मेहनत और तकनीकी खेती के जुनून ने आज उन्हें 20 बीघा जमीन का मालिक बना दिया है…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- किसान बनवारी लाल ने 1 बीघा से शुरू कर 20 बीघा जमीन खरीदी.
- टेक्निकल खेती से बनवारी लाल को सालाना 20-25 लाख का मुनाफा.
- उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बनवारी लाल को सम्मानित किया.
उपमुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
इन सब प्रजातियों की खेती करने के साथ-साथ सब्जियों की भी खेती करते हैं. किसान बनवारी लाल मचान विधि से सब्जियों की खेती करते हैं. इस विधि से सब्जियों की खेती करने पर फसलें साफ-सुथरी उत्पन्न होती हैं. किसान सब्जियों से भी अधिक से अधिक मुनाफा कमाते हैं. इस तरह कुल मिलाकर किसान बनवारी लाल लगभग 20 बीघा जमीन पर खेती करते हैं. किसान बनवारी लाल को लीची की सफल खेती करने के लिए उद्यान विभाग की मदद से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा सम्मानित किया गया है. किसान सम्मानित होने के बाद और भी हौसला बुलंद हो गया है, जिससे किसानी करने में और भी आनंद बढ़ता जा रहा है.
किसान बनवारी लाल ने अपनी किसानी से सफलता का राज बताते हुए कहा कि मैं लगभग 35 से 40 साल से किसानी कर रहा हूं, तभी मैं सफलता की ओर धीरे-धीरे बढ़ता चला गया. जब मुझे सफलता मिलना शुरू हुई तो मैंने आम एवं बैर की बागवानी शुरू की. बागवानी को मैंने टेक्निकल तरीके से किया है, जैसे थाई ग्रीन बैर, एप्पल बैर, ताइवान अमरूद, नींबू और कई नई प्रजातियों के आम के बाग तैयार किए, जैसे मल्लिका, अर्णिका, आम्रपाली जैसी तमाम प्रजातियों के बाग लगाकर विकसित किया. किसान ने बताया कि जामुन का पेड़ तैयार करने में काफी समय लगता है, लेकिन ताइवान जामुन का पेड़ लगाने से लगभग दो साल में ही फल देना शुरू कर देता है. इन सभी की बागवानी करने से साल भर यानी 12 महीने पैसा आता ही रहता है.
जानिए क्या बोला किसान बनवारी ने
किसान बनवारी लाल ने बताया कि मैं 20 बीघा खेत में इन सभी प्रजातियों की बागवानी कर रहा हूं और इसी बागवानी से लगभग प्रतिवर्ष 15 से 20 लाख का मुनाफा कमा लेता हूं. इसी पैसे से हर साल एक से दो बीघा जमीन खरीदता हूं और उन जमीनों को अच्छी मेहनत और देखरेख से ग्रोथ पर ले आता हूं, ताकि फसल की पैदावार बेहतरीन हो. मैं अधिकतर जो भी बागवानी करता हूं वह इंटरक्रॉपिंग पद्धति से करता हूं.