किसान इस विधि से करें लौकी की खेती, बंपर होगा उत्पादन, पैसों की होगी बारिश

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उत्तर प्रदेश गोंडा जिले के जिले के रहने वाले किसान रमेश लौकी की खेती से लाखों रुपये काम रहे हैं. वह चान विधि पर लौकी की खेती करते है. 5 से 7 बिस्वा में लौकी की खेती कर रहे हैं. 7 बिस्वा में लगभग 50 हजार रुपए की…और पढ़ें
प्रगतिशील किसान रमेश कुमार वर्मा लोकल 18 से कहा कि उन्होंने पांचवी तक की पढ़ाई की है. उसके बाद आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. फिर अपनी किस्मत खेती किसानी में आजमाई और वह इस समय सफल किसान है.
रमेश बताते हैं कि वह कई वर्षों से लौकी की खेती कर रहे थे. लेकिन पहले जमीन पर लौकी की खेती करते थे जिससे बरसात में काफी नुकसान होता था. उनको पानी संस्थान द्वारा मचान विधि के बारे में बताया. उन्होंने मचान विधि पर लौकी की खेती की शुरुआत की जिससे बरसात में नुकसान नहीं होता है. अच्छा मुनाफा हो रहा है.
मचान विधि और जमीन विधि में क्या है अंतर
रमेश बताते हैं की जमीन में लौकी की खेती करने से लौकी टेढ़ी हो जाती है. लौकी नाजुक सब्जी होती है इससे इसमें कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं. उत्पादन कम हो पता है. यदि आप मचान विधि पर लौकी की खेती कर रहे हैं तो रोग लगने की संभावना कम हो जाती है और उत्पादन अच्छा होता है.
कितने बीघे में कर रहे हैं लौकी की खेती
रमेश बताते हैं कि लगभग 5 से 7 बिस्वा में लौकी की खेती कर रहे हैं. 7 बिस्वा में लगभग 50 हजार रुपए की लागत आई है.रमेश बताते हैं कि सात बिस्वा लौकी में 5 हजार लगाकर 6 से 7 महीने में 50 से 60 हजार रुपए का इनकम हो रहा है.