गंगा दशहरा पर वाराणसी में उमड़े श्रद्धालु, 1100 मीटर लंबी चुनरी चढ़ाई

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Ganga Dussehra 2025: वाराणसी में गंगा दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया गया. दशाश्वमेध घाट पर भव्य महाआरती हुई. मां गंगा का पूरे विधि- विधान से पूजन- अर्चना की गई. अस्सी घाट पर 1100 मीटर लंबी चुनरी चढ़ाई गई.
काशी में मां गंगा की महाआरती हुई
हाइलाइट्स
- वाराणसी में गंगा दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया गया.
- दशाश्वमेध घाट पर भव्य महाआरती हुई.
- मां गंगा का पूरे विधि- विधान से पूजन- अर्चना की गई.
वाराणसी: सनातन धर्म में गंगा दशहरा का बहुत बड़ा महापर्व माना जाता है. बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में इस पर्व को धूमधाम से मनाया गया. सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई और मां गंगा को 11 मीटर लंबी चुनरी अर्पित की. शाम को घाटों पर दीपों की रौनक ने पूरा माहौल भक्तिमय बना दिया.
काशी के दशाश्वमेध घाट पर हुई महाआरती ने भक्तों को देव दीपावली जैसा अनुभव दिया. गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित इस महाआरती में 11 वैदिक ब्राह्मणों ने हिस्सा लिया. साथ ही ‘रिद्धि सिद्धि’ के लिए कन्याएं भी मौजूद रहीं. घाटों पर हजारों दीप जलाकर मां गंगा की महिमा का गुणगान किया गया. इस अद्भुत क्षण को देखने के लिए श्रद्धालु घाट की सीढ़ियों से लेकर गंगा के किनारे तक मौजूद थे.
मां गंगा की गई पूजा
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि महाआरती से पहले वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार मां गंगा का षोडशोपचार विधि से पूजन किया गया. ब्राह्मणों ने पूरे विधिपूर्वक आचार्य पूजन-अर्चन कर श्रद्धालुओं को मंत्रों की मधुर ध्वनि से मंत्रमुग्ध कर दिया.
गंगा दशहरा के मौके पर दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की 108 किलो की अष्टधातु प्रतिमा का भी दर्शन हुआ. यह प्रतिमा साल में केवल दो बार भक्तों के दर्शन के लिए आती है. फूलों से सजी इस मूर्ति को देख श्रद्धालु बेहद श्रद्धावान हो गए.
अस्सी घाट पर 1100 मीटर लंबी चुनरी का समर्पण
अस्सी घाट पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा को 1100 मीटर लंबी चुनरी चढ़ाई. इस पार से उस पार तक यह चुनरी लेकर भक्तों ने अपनी आस्था का परिचय दिया. चुनरी चढ़ाने के साथ ही 56 प्रकार के भोग प्रसाद भी मां गंगा को अर्पित किए गए. वाराणसी में गंगा दशहरा का यह पर्व पूरे धार्मिक भाव से मनाया गया और लाखों श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर अपनी आस्था का परिचय दिया.