गर्मियों में पशुओं का इस तरह से रखें ध्यान, कभी नहीं पड़ेंगे बीमार, जानिए डॉक्टर की सलाह

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Animals Health Tips: गर्मी में पशुपालकों को अपने जानवरों की सेहत का ध्यान रखना चाहिए. डॉ. वेदप्रकाश के अनुसार, ठंडा पानी, छांव और पौष्टिक आहार जरूरी हैं. बीमारी के लक्षण दिखें तो हेल्पलाइन 1962 पर कॉल करें.
अगर गर्मी से पशु हो गया बीमार, तो सिर्फ 5 रुपये में कराएं इलाज, वो भी आपके घर पर
हाइलाइट्स
- गर्मी में पशुओं को ठंडा पानी और छांव दें.
- पशुओं को पौष्टिक आहार और गुड़-अजवाइन खिलाएं.
- बीमारी के लक्षण पर हेल्पलाइन 1962 पर कॉल करें.
अंजू प्रजापति/रामपुर: गर्मी का असर सिर्फ इंसानों पर नहीं बल्कि जानवरों पर भी पड़ता है. ऐसे में पशुपालकों को अपने पालतू जानवरों की सेहत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वेदप्रकाश कहते हैं कि जैसे इंसानों को गर्मी में ठंडा पानी और आराम चाहिए होता है, ठीक वैसे ही जानवरों को भी जरुरत होती है.
रामपुर के पशु चिकित्सक डॉ. वेदप्रकाश बताते हैं कि गर्मी के मौसम में सबसे जरूरी है कि पशुओं को समय-समय पर ठंडा पानी पिलाया जाए. अगर संभव हो तो उन्हें दिन में दो-तीन बार पानी पिलाएं. जिन अगर पशुओं का शेड टीन का है तो उसके ऊपर गीली मिट्टी, पराल या फिर गीले बोरे डाल दें, ताकि उन्हें ठंडक मिले.
इस मौसम में दोपहर की चराई पूरी तरह बंद कर दें. सुबह और शाम के समय ही पशुओं को बाहर ले जाएं. तेज धूप में उन्हें गौठान, पेड़ की छांव या घर के अंदर रखें चराई से लौटने पर उन्हें गुड़ और अजवाइन जरूर खिलाएं. जिससे उनकी ताकत बनी रहे.
पशु चिकित्सक बताते हैं कि शांत और ठंडे वातावरण में रखने से जानवर तनाव में नहीं रहते. तेज शोर वाले इलाके में उन्हें न रखें, वरना उनका व्यवहार बिगड़ सकता है और वे बीमार भी पड़ सकते हैं.
सिर्फ सूखा चारा नहीं बल्कि पौष्टिक और संतुलित आहार भी दें. ताकि जानवरों को खाना खाने में मज़ा आए और उनकी सेहत भी बनी रहे.
अगर किसी पशु में बीमारी के लक्षण दिखें, तो तुरंत इलाज कराएं. अब सरकार ने मोबाइल वेटरनरी एम्बुलेंस सेवा शुरू की है. हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल करें. सिर्फ 5 रुपये में डॉक्टर आपके घर पर आकर इलाज करेंगे. समय पर इलाज हो गया तो बीमारी गंभीर नहीं होगी.