गाजियाबाद की समाजवादी आवास योजना में बिजली का अंधेरा! 8 साल बाद भी टिमटिमा रही उम्मीदें

0
गाजियाबाद की समाजवादी आवास योजना में बिजली का अंधेरा! 8 साल बाद भी टिमटिमा रही उम्मीदें


Last Updated:

Ghaziabad News Today: गाजियाबाद की समाजवादी आवास योजना में 292 फ्लैट्स 2017 में दिए गए, लेकिन आज तक बिजली नहीं पहुंच सकी. सिर्फ एक परिवार सोलर पैनल से रह रहा है, बाकी फ्लैट्स वीरान हैं.

हाइलाइट्स

  • गाजियाबाद में समाजवादी आवास योजना के तहत 292 फ्लैट्स दिए गए थे.
  • लेकिन आज तक बिजली नहीं पहुंच सकी.
  • सिर्फ एक परिवार सोलर पैनल से रह रहा है.

गाजियाबाद: मधुबन बापूधाम क्षेत्र में समाजवादी आवासीय योजना के तहत तैयार किए गए 292 फ्लैट्स आज भी बिजली जैसी जरूरी सुविधा से वंचित हैं. साल 2014 में फ्लैट्स का निर्माण शुरू हुआ और 2017 में लाभार्थियों को पजेशन भी दे दिया गया. लेकिन अफसोस, आज 2025 तक भी इस सोसाइटी में बिजली की लाइन नहीं पहुंच पाई है. सरकारी योजना के नाम पर तैयार की गई इस सोसाइटी में केवल एक ही परिवार रह रहा है, वो भी सौर ऊर्जा के सहारे.

फ्लैट्स तो मिले, लेकिन रहने के लायक नहीं
इस योजना को गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देने के मकसद से शुरू किया गया था, लेकिन जिस उम्मीद से लोगों ने इन फ्लैट्स की ओर देखा था, वह अब सिर्फ मायूसी में बदल चुकी है. सोसाइटी के ज्यादातर फ्लैट्स में आज तक कोई रहने नहीं आया क्योंकि बिजली न होने की वजह से घर रहकर भी वीरान जैसे लगते हैं.

एकमात्र जो परिवार यहां रह रहा है, उसने अपने स्तर पर सोलर पैनल लगवाकर खुद के लिए बिजली की व्यवस्था की है. उस परिवार का कहना है कि उन्होंने कई बार जीडीए और बिजली विभाग से गुहार लगाई, शिकायतें कीं, मगर हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला. हकीकत ये है कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

बिजली विभाग और जीडीए के बीच तालमेल की कमी
इस पूरी समस्या की जड़ बिजली विभाग और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बीच समन्वय की कमी है. जीडीए के अधिकारी रुद्रेश शुक्ला का कहना है कि 2020 में बिजली विभाग ने काम पूरा कर लिया था, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के कारण बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी. अब उनका दावा है कि समस्या हल हो गई है और जल्द ही बिजली पहुंचा दी जाएगी.

राजनीतिक बहस बन चुका है ये मुद्दा
समाजवादी पार्टी की सरकार में शुरू हुई यह योजना अब राजनीतिक बहस का भी मुद्दा बन चुकी है. लोगों का कहना है कि वादे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन जब बात ज़मीनी हकीकत की आती है तो सरकारें पीछे हट जाती हैं. अब लोगों को मौजूदा प्रशासन से उम्मीद है कि वे इस समस्या को गंभीरता से लेकर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे.

homeuttar-pradesh

समाजवादी आवास योजना में बिजली का अंधेरा! 8 साल बाद भी टिमटिमा रही उम्मीदें



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *