जिंदगी और मौत की जंग जीतने वाले दो मासूमों को मिला CO अवधेश कुमार का सहारा

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कौशांबी में जहरीली टॉफी खाने से तीन बच्चियों की मौत हुई, जबकि दो गंभीर बच्चे CO अवधेश विश्वकर्मा की मदद से बच गए. CO ने दोनों बच्चों को गोद लेकर उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी ली.
CO अवधेश कुमार विश्वकर्मा.
हाइलाइट्स
- CO अवधेश ने दो बच्चों को गोद लिया.
- बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली.
- जहरीली टॉफी खाने से तीन बच्चियों की मौत.
कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के सौरई गांव में अगस्त 2023 में एक दर्दनाक घटना घटी थी. पड़ोसियों द्वारा दी गई जहरीली टॉफी खाने से तीन मासूम बच्चियों की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में 10 दिनों तक इलाज चलने के बाद जब दोनों बच्चे स्वस्थ होकर घर लौटे, तो उनके परिजनों ने क्षेत्राधिकारी (CO) अवधेश कुमार विश्वकर्मा को भगवान का रूप मान लिया, क्योंकि उन्हीं की तत्परता और मदद से इन बच्चों की जान बचाई जा सकी थी.
खर्च उठाने की ली जिम्मेदारी
कुछ समय बाद CO अवधेश विश्वकर्मा जब इन बच्चों के घर हालचाल लेने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि परिवार बेहद गरीब है. इसी को देखते हुए उन्होंने दोनों बच्चों को गोद लेने का फैसला किया और उनकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक ये दोनों बच्चे पढ़ना चाहेंगे, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च वह खुद उठाएंगे.
जहरीली टॉफी खाने से गई थीं तीन मासूमों की जान
मृतक वर्षा रानी के पिता राजकुमार प्रजापति ने बताया कि बीती 17 अगस्त 2023 को पड़ोसी शिवशंकर ने टॉफी में जहर मिलाकर छत पर फेंक दिया था. वर्षा रानी ने अपनी तीन सहेलियों साधना, शालिनी और आरुषि के साथ मिलकर उस टॉफी को खा लिया. थोड़ी देर में सभी की तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया. हालत ज्यादा बिगड़ने पर जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां भी सुधार न होने के कारण चिल्ड्रन हॉस्पिटल, प्रयागराज भेजा गया. रास्ते में साधना, वर्षा और शालिनी की मौत हो गई.
जबकि चौथी बच्ची आरुषि की हालत भी गंभीर थी, लेकिन CO अवधेश विश्वकर्मा के प्रयासों से उसे लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद उसकी जान बच सकी. इस घटना के बाद CO अवधेश विश्वकर्मा ने आरुषि और वर्षा के छोटे भाई कपिल को गोद लेकर उनके भविष्य को संवारने का फैसला किया.
शिक्षा की राह में नहीं आएगी कोई रुकावट
CO अवधेश विश्वकर्मा के अनुसार, अगस्त 2023 में घटी इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था. तीन बच्चियों की मौत हो गई थी, जबकि एक बच्ची बच गई थी, जिसे उन्होंने गोद लिया. इसके अलावा, एक और बच्चा भी था, जिसे भी उन्होंने गोद लेकर उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी संभालने का फैसला लिया.
वर्तमान में कपिल कक्षा आठवीं में और आरुषि कक्षा तीसरी में पढ़ रही है.
CO अवधेश विश्वकर्मा का यह कदम समाज के लिए एक मिसाल है, जो बताता है कि अगर कोई व्यक्ति ठान ले, तो किसी जरूरतमंद का भविष्य उज्ज्वल बनाया जा सकता है.