दशहरी भूल जाएंगे! बाराबंकी के इस गांव में हैं आम की ऐसी वैरायटी, जो कहीं और…

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बाराबंकी जिले में आम की पारंपरिक और आधुनिक किस्मों की खेती तेजी से बढ़ रही है. खासकर बड़ा गांव सैकड़ों अनूठी वैरायटीज़ के कारण मलिहाबाद को चुनौती दे रहा है. यहां के आम की देश-विदेश में भारी मांग है.
सैकड़ो किस्मो की आम की हो रही पैदावार
हाइलाइट्स
- बाराबंकी में आम की खेती तेजी से बढ़ रही है.
- बड़ा गांव सैकड़ों अनूठी वैरायटीज़ के कारण प्रसिद्ध है.
- यहां के आम की देश-विदेश में भारी मांग है.
संजय यादव/बाराबंकी- उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में आम की खेती ने अब तक दशहरी के लिए मशहूर मलिहाबाद को कड़ी चुनौती दे दी है. यहां की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी आम की विभिन्न किस्मों के लिए बेहद अनुकूल मानी जा रही है. किसानों की मेहनत और नवाचार ने इस जिले को आम की खेती का नया केंद्र बना दिया है.
परंपरा और नवाचार का संगम
बाराबंकी में पारंपरिक आम की किस्मों जैसे दशहरी, चौसा, लंगड़ा और फजली के साथ-साथ कई आधुनिक किस्मों की भी सफल खेती की जा रही है. यहां केसर, किशन भोग, गुलाब खास, वनराज और टामी जैसी विशेष वैरायटीज़ की भी अच्छी खपत है. इसके साथ ही आम्रपाली, हुस्नारा, रत्ना और अनमोल जैसी नई प्रजातियों ने भी किसानों की आमदनी बढ़ाई है.
बाराबंकी का ‘आम गांव’
मसौली ब्लॉक का बड़ा गांव, बाराबंकी जिले की आम खेती में एक अनूठी पहचान बनाता जा रहा है. इस गांव में सैकड़ों किस्मों के आम के पेड़ हैं. यहां की विविधता इतनी विशेष है कि यह मलिहाबाद जैसी ऐतिहासिक जगह को भी चुनौती दे रही है. गांव के बुजुर्गों की दूरदर्शिता और मेहनत ने आज इसे देशभर में विशिष्ट बना दिया है.
अनूठी वैरायटीज, अंतरराष्ट्रीय मांग
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यहां कुछ ऐसी आम की वैरायटीज पाई जाती हैं जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी भारी मांग में हैं. इन किस्मों को वर्षों पहले देश के अलग-अलग हिस्सों से मंगवाकर रोपित किया गया था. अब यही परंपरा बाराबंकी को आम की दुनिया में एक विशेष स्थान दिला रही है.
किसानों की मेहनत लाई रंग
बाराबंकी के किसानों ने यह साबित कर दिया है कि अगर लगन और दूरदर्शिता हो, तो कोई भी इलाका कृषि क्षेत्र में इतिहास रच सकता है. आज बाराबंकी का आम न केवल स्वाद में, बल्कि गुणवत्ता में भी देशभर में सराहा जा रहा है.