प्लेटफॉर्म पर गैंगरेप में चौंकाने वाला खुलासा, 2 साल से रेलवे को नहीं थी सुध, लापरवाही बनी वारदात की वजह!

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Bareilly Gangrape: उत्तर प्रदेश के बरेली में दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम दिया गया. यहां एक 14 साल की नाबालिग के साथ दरिंदों ने हैवानियत को अंजाम दिया. मामले में अब तक पुलिस खाली हाथ है, इसके पीछे की चौंकाने…और पढ़ें
स्टेशन या आस-पास एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं.
हाइलाइट्स
- बरेली रेलवे स्टेशन पर 14 साल की बच्ची से गैंगरेप.
- प्लेटफॉर्म पर सीसीटीवी कैमरे नहीं थे.
- पुलिस अब तक आरोपियों को पकड़ने में नाकाम.
रिपोर्टः राम विलास सक्सेना
बरेलीः उत्तर प्रदेश के बरेली में सिटी रेलवे स्टेशन पर 14 साल की मासूम बच्ची से तीन दिन पहले हुए रेप मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. लेकिन गैंगरेप खुलासे में हो रही देरी के पीछे जो हकीकत सामने आई है. वह बेहद ही चौंकाने वाली है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस प्लेटफॉर्म वारदात हुई वहां पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है. जबकि बरेली के इस सिटी रेलवे स्टेशन पर तीन दर्जन से ज्यादा कैमरे लगाए जाने का आदेश 2 साल पहले ही दिया जा चुका था. लेकिन एक भी कैमरा नहीं लगवाए गए.
तीन दिन पहले बरेली के सिटी रेलवे स्टेशन पर हुई एक मासूम बच्ची के साथ हुई गैंगरेप की वारदात का खुलासा करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. दरिंदों ने मासूम के साथ गैंगरेप की वारदात को उस वक्त अंजाम दिया जब वह अपने परिवार के साथ उत्तराखंड के मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ से दर्शन कर वापस अपने घर एटा जिला जा रही थी. ट्रेन बदलने के लिए बरेली के सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे, इसी बीच बेटी स्टेशन पर ही छूट गई और उसके साथ दरिंदगी की गई.
पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद जब न्यूज 18 की टीम ग्राउंड जीरो पर जब पहुंची तो बेहद ही हैरान कर देने वाली हकीकत सामने आई. जिस प्लेटफार्म नंबर 3 पर रेप की वारदात को अंजाम दिया गया. वहां पर कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं था. जबकि इस प्लेटफार्म के इर्द गिर्द रात को अपराधी प्रवृत्ति के लोगों का जमावड़ा लगा रहता है. प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर 2 साल पहले ही करीब 3 दर्जन सीसीटीवी कैमरा लगवाए जाने का आदेश दिया जा चुका है. रेलवे अधिकारियों के की इसी बड़ी लापरवाही और चूक का दरिंदों ने फायदा उठाया और उस मासूम बच्ची के साथ घिनौनी करतूत को अंजाम दिया.
खास बात यह भी है कि घटना के बाद अब मासूम बच्ची एक विधि अस्पताल में जिंदगी और मौत जंग लड़ रही है तो वही पिता न्याय का भरोसे के साथ ही भगवान से बस अपनी बेटी के स्वस्थ होने की गुहार लगा रहा है. इतना ही नहीं जिस प्लेटफार्म नंबर 3 के पास रेप की वारदात हो अंजाम दिया गया उस वक्त दूर-दूर तक ना तो कोई जीआरपी या आरपीएफ का सुरक्षाकर्मी मौजूद था और ना ही कोई सीसीटीवी कैमरा. जबकि यहां यात्रियों की मदद के बोर्ड तो जरूर लगे हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मी ढूंढे नहीं मिलता. दरिंदों ने जीआरपी आरपीएफ और रेलवे की इसी बड़ी लापरवाही का फायदा उठाते हुए अपने मंसूबों में कामयाब हो गए.
दिल्ली में निर्भय रेप कांड के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान की रक्षा के में केंद्रीय बजट में1000 करोड़ की राशि के साथ निर्भया फंड बनाया गया. ये कैमरे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म और प्रतीक्षालय वाले क्षेत्रों में लगाने की मनसा थी. भारतीय रेलवे ने निर्भया फंड के तहत 500 करोड़ की लागत वाली राशि से रेलवे परिसरों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए 900 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को चिन्हित कर सीसीटीवी कैमरा लगाएगा. पूरे देश के भीतर 983 रेलवे स्टेशन पर 19,000 एचडी सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी वर्षों पहले पूरी की गई थी. लेकिन दुर्भाग्य बरेली के सिटी रेलवे स्टेशन का जहां पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया.