बाराबंकी में भगदड़ से नहीं मरा कोई, बंदरों के लटकने से तार टूटा- UP DGP का राजीव कृष्ण

UP DGP : बाराबंकी में भगदड़ से नहीं मरा कोई-राजीव कृष्ण
Barabanki Stampede : बंदरों के उत्पात ने ले ली बाराबंकी में लोगों की जान
बाराबंकी में सावन की तीसरे सोमवार के दिन बंदरों के उत्पात के चलते बिजली का तार गिरि गया. इसके बाद करंट की चपेट में कई श्रद्धालु आ गए. आनन फानन में स्थानीय लोगों एवं पुलिस की मदद से घायलों को इलाज के लिए सीएससी हैदरगढ़ एवं त्रिवेदीगंज भेजा गया, जहां पर पांच लोगों की हालत गंभीर होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां दो लोगों की मौत हो गई. जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इन मोतों की पुष्टि की है. इस घटना का सीएम योगी ने भी संज्ञान लिया है और अफसर को घायलों के उपचार में तेजी लाने के निर्देश दिए. साथ ही दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए कामना भी की है. घटना का जायजा लेने एडीजी जोन लखनऊ सुजीत पांडे भी महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने स्वयं घटनास्थल की वीडियोग्राफी की एवं संबंधित अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए अधिकारियों को श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन हेतु व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए. आज औसनेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह 8: बजे हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जानी थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है.
मथुरा के थाना फरह क्षेत्र के कस्बा में उस समय माहौल गमगीन हो गया, जब विवाहिता की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई. दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब विवाहिता ने सुबह पानी भरने के लिए मोटर चलाई, लेकिन मोटर में अचानक करंट आ गया और विवाहित मोटर में आए करंट की चपेट में आ गई. परिवार के लोगों ने काफी प्रयास के बाद विवाहिता को मोटर से अलग किया और उपचार हेतु अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने मिथिलेश को मृत घोषित कर दिया. विवाहिता की मौत से परिवार में मातम छा गया और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.
Sambhal Jama Masjid and Harihar Mandir Dispute : मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में लगाई रिव्यू पिटीशन
संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद से जुड़ी एक अहम कानूनी अपडेट सामने आई है. मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने खिलाफ आए फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 मई को मस्जिद कमेटी की ओर से दायर सिविल रिवीजन याचिका खारिज कर दी थी, जिससे यह साफ हो गया कि अब संभल की जिला अदालत में मस्जिद-मंदिर विवाद में सर्वे की कार्यवाही आगे बढ़ेगी. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को नामंजूर करते हुए यह फैसला सुनाया था. मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में यह याचिका 19 नवंबर 2024 के सिविल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने के लिए दाखिल की थी, जिसमें संभल की अदालत ने मस्जिद परिसर में सर्वे कराने का निर्देश दिया था. हालांकि, हाईकोर्ट ने 8 जनवरी 2025 को अंतरिम राहत देते हुए इस सर्वे पर अस्थायी रोक लगा दी थी. अब जबकि मस्जिद कमेटी ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बजाय हाईकोर्ट में ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, मामले की संवेदनशीलता और कानूनी पेचिदगियां एक बार फिर चर्चा में हैं.