भारी पड़ी मोबाइल की लत, कानपुर में सुन्न हो गए 300 लोगों के हाथ, आप भी तो नहीं इस घातक सिंड्रोम के शिकार?

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भारी पड़ी मोबाइल की लत, कानपुर में सुन्न हो गए 300 लोगों के हाथ, आप भी तो नहीं इस घातक सिंड्रोम के शिकार?


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Mobile addiction : अगर हाथों में लगातार दर्द, झनझनाहट, अंगूठे में कमजोरी, रात में दर्द बढ़ना या पसीना आने जैसी दिक्कतें हैं तो इसे हल्के में न लें. समय पर इलाज न होने पर ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है. सर्जरी तक की नौबत आ सकती है. कई मरीजों ने बताया कि शुरुआत में हल्का दर्द था, लेकिन धीरे-धीरे दर्द इतना बढ़ गया कि रातों की नींद तक उड़ गई.

कानपुर. अगर आप भी घंटों मोबाइल हाथ में लेकर चैटिंग, टाइपिंग और सोशल मीडिया चलाने के आदी हैं, तो यह खबर आपको सावधान करने के लिए है. कानपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एलएलआर (हैलट) के न्यूरो साइंस विभाग में पिछले एक साल के दौरान हाथों में दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. जांच में सामने आया है कि इन मरीजों की परेशानी की सबसे बड़ी वजह जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल है. डॉक्टरों के मुताबिक, अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीजों ने बताया कि वे दिनभर मोबाइल पर टाइपिंग करते हैं. कोई सोशल मीडिया चलाता है तो कोई देर रात तक वीडियो देखता रहता है. लगातार मोबाइल पकड़कर रखने से हाथों की हथेलियों के अंदर मौजूद हड्डियों के आसपास सूजन आ गई. इससे हथेली के अंदर से गुजरने वाली मीडियन नर्व पर दबाव पड़ने लगा और मरीजों को अंगूठे से लेकर पूरे हाथ में तेज दर्द महसूस होने लगा.

कार्पल टनल सिंड्रोम

न्यूरो साइंस विभाग में जांच के बाद मरीजों में कार्पल टनल सिंड्रोम की पुष्टि हुई. ये बीमारी तब होती है, जब हाथ की हथेली में मौजूद नस पर लंबे समय तक दबाव बना रहता है. इससे नस में खून की सप्लाई भी प्रभावित होती है. नतीजा यह होता है कि हाथों में झनझनाहट, सुन्नपन और कमजोरी आने लगती है. डॉक्टरों का कहना है कि पहले यह बीमारी ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आ रहा है. न्यूरो साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि पिछले छह महीनों में 300 से ज्यादा मरीजों पर स्टडी की गई है. इनमें से अधिकतर मरीज ऐसे थे, जो लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. कई मामलों में दवाइयों से आराम नहीं मिला, जिसके बाद माइक्रोस्कोपी और एंडोस्कोपी सर्जरी करनी पड़ी. डॉ. सिंह ने बताया कि कुछ मरीजों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि हाथों में सुन्नपन बढ़ने लगा था और रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो गया था.

समय पर ब्रेक

डॉ. मनीष सिंह ने बताया है कि मोबाइल चलाना गलत नहीं है, लेकिन उसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदेह है. मोबाइल का उपयोग करते समय बीच-बीच में ब्रेक लें. हाथों को सीधा करें और स्ट्रेचिंग करें. अगर हल्का सा भी दर्द महसूस हो तो मोबाइल अलग रख दें. आज अगर मोबाइल की आदतों पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो कल हाथों की तकलीफ बड़ी बीमारी बन सकती है. इसलिए अभी से सतर्क हो जाएं. छोटी सी लापरवाही लंबे समय तक दर्द दे सकती है.

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Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

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