यूपी में ‘त्रिकाल’ नाम पर क्यों मचा है बवाल, गुस्से में अयोध्या के साधु-संत

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यूपी में ‘त्रिकाल’ नाम पर क्यों मचा है बवाल, गुस्से में अयोध्या के साधु-संत


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UP News: अयोध्या में रेडिको खेतान की नई व्हिस्की ‘त्रिकाल’ के नाम पर विवाद छिड़ा है. साधु-संतों और राजनेताओं ने इसे भगवान शिव से जोड़कर आपत्ति जताई है और नाम बदलने की मांग की है. नाम न बदलने पर आंदोलन की धमकी द…और पढ़ें

रेडिको खेतान कंपनी के ‘त्रिकाल’ नाम के शराब पर विवाद हो गया है.

अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रेडिको खेतान कंपनी द्वारा लॉन्च की गई नई व्हिस्की ‘त्रिकाल’ के नाम को लेकर विवाद छिड़ गया है. साधु-संतों, सनातन धर्म संगठनों और राजनेताओं ने इस ब्रांड नाम को भगवान शिव और सनातन धर्म से जोड़कर आपत्ति जताई है. अयोध्या धाम के महंत राजू दास महाराज ने कंपनी से नाम बदलने की मांग की है, चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

रेडिको खेतान ने हाल ही में अपनी प्रीमियम सिंगल माल्ट व्हिस्की ‘त्रिकाल’ को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख बाजारों में 3,500 से 4,500 रुपये की कीमत पर लॉन्च किया है. कंपनी के प्रबंध निदेशक अभिषेक खेतान ने इसे भारतीय स्पिरिट्स को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया था. हालांकि, व्हिस्की की बोतल पर ‘त्रिकाल’ नाम और एक तीसरी आंख जैसी आकृति, जो भगवान शिव से मिलती-जुलती मानी जा रही है, ने विवाद को जन्म दिया.

अयोध्या धाम के महंत राजू दास महाराज ने कहा, “मैं रेडिको खेतान के मालिकों से अपील करता हूं कि वे सनातन धर्म को समझें और उसका सम्मान करें. भारत सनातन संस्कृति का देश है, जहां हर कण में इसकी महिमा है.” उज्जैन के अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष महंत विशाल दास महाराज ने कहा, “हमारे शास्त्रों में भगवान महाकाल को त्रिकालदर्शी कहा गया है. नशीले पदार्थ का नाम ‘त्रिकाल’ रखना भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के खिलाफ है.” विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इसकी निंदा की और कहा कि हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीकों का अपमानजनक इस्तेमाल पहले भी जूतों, कपड़ों और अब शराब पर देखा गया है.

सोशल मीडिया पर भी हो रहा ट्रेंड

सोशल मीडिया पर भी #TrikalWhiskyControversy ट्रेंड कर रहा है, जहां कई हिंदू प्रभावशाली लोगों ने इसे प्रतिस्पर्धी कंपनियों द्वारा प्रायोजित साजिश करार दिया है. कुछ ने तर्क दिया कि ‘त्रिकाल’ का अर्थ केवल समय (अतीत, वर्तमान, भविष्य) है और इसका कोई धार्मिक विशेषाधिकार नहीं है. हालांकि, साधु-संतों का कहना है कि यह नाम और बोतल की डिज़ाइन सनातन धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है.

आंदोलन की दी चेतावनी

महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरी महाराज ने कहा, “आज त्रिकाल, कल त्रिदेव या त्रिदेवी. कंपनियों को इस तरह के प्रचार के लिए धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल बंद करना चाहिए.” मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन पटेल ने भी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साधु-संतों ने चेतावनी दी है कि यदि कंपनी ने जल्द ही नाम नहीं बदला, तो अयोध्या और अन्य स्थानों पर आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाता

Principal Correspondent, Lucknow

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यूपी में ‘त्रिकाल’ नाम पर क्यों मचा है बवाल, गुस्से में अयोध्या के साधु-संत



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