विंध्यवासिनी धाम में साल में सिर्फ दो बार आता है ऐसा अवसर, 24 घंटे होते हैं मां के दर्शन

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विंध्यवासिनी धाम में साल में सिर्फ दो बार आता है ऐसा अवसर, 24 घंटे होते हैं मां के दर्शन


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Mirzapur news hindi: सभी मंदिरों के अपने नियम और व्यवस्थाएं होती हैं. इसके साथ ही उन तीर्थ स्थलों से लोगों की आस्था जुड़ी होती है. इन सभी को ध्यान में रखते हुए….

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मां विंध्यवासिनी धाम

मिर्जापुर: विंध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी पूरे साल में सिर्फ दो बार भक्तों को दर्शन देती हैं. माता इस दौरान कुल 20 घंटे दर्शन देती हैं. तप, साधना और सिद्धि की भूमि विंध्य पर्वत पर विराजमान मां विंध्यवासिनी का धाम चार पहर की आरती के वक्त बंद होता है. साल में दो नवरात्रि में ही मां के धाम 24 घंटे के लिए खुलते हैं. आम दिनों में बड़ी आरती के बाद धाम को दर्शन के बाद बंद कर दिया जाता है. नवरात्रि में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें परेशानी नहीं होती है और आसानी से मां का दर्शन कर लेते हैं.

मां विंध्यवासिनी धाम में नवरात्रि के बीच करीब 15 लाख भक्तों ने दर्शन किया है. श्री विंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने लोकल 18 से से बताया कि मां के धाम में भक्तों की सुविधा के लिए दो-दो घंटे के लिए पंडा समाज के सदस्यों की ड्यूटी लगाई गई है. नवरात्रि में 24 घंटे मंदिर खुला रहता है. सिर्फ श्रृंगार के वक्त मां का धाम बंद होता है. नवरात्रि में भोर में तीन बजे से चार बजे तक, 12 से एक बजे तक दोपहर में 7:15 से 8:15 रात्रि में और 10:30 बजे रात्रि में मां का धाम बंद होता है. आरती के बाद पुनः भक्त मां का दर्शन- पूजन कर सकते हैं.

यह है मान्यता
श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पं. पंकज द्विवेदी ने बताया कि नवरात्रि मां के साधना का वक्त है. यहां पर साधना के लिए लोग आते हैं. पूरे साल में दोनों नवरात्रि में मां का धाम नवरात्रि में 24 घंटे खुला रहता है. सिर्फ चार पहर की आरती के लिए चार घंटे तक मंदिर बंद रहता है. मां विंध्यवासिनी के साथ ही महाकाली और अष्ठभुजा मंदिर भी खुला रहता है. अब तक 15 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किया है. 20 लाख तक संख्या पहुंचने का अनुमान है.

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